भूकंप से भारी तबाही, 140 लोगों की मौत
नेपाल में भूकंप से भारी तबाही, 140 लोगों की मौत,
भारत हर संभव सहायता के लिए तैयार
काठमांडू: नेपाल में शुक्रवार देर रात आए 6.4 तीव्रता के भीषण भूकंप के बाद कम से कम 140 लोग मारे गए हैं. वहीं, सौ से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है. राहत बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है. नेपाल के प्रधानमंत्री ने इस दुख जताया है. भूकंप के झटके भारत के उत्तरी राज्यों में भी महसूस किए गए. अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. भूकंप के चलते नेपाल के कई जिले तबाह हो गए. कई इमारतें भूकंप के दौरान ध्वस्त हो गईं.
#WATCH नेपाल, जजरकोट: भूकंप के कारण भेरी क्षेत्र में मकान क्षतिग्रस्त हुए। नेपाल में कल रात 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था।
भूकंप में मरने वालों की संख्या 128 हो गई है: रॉयटर्स
(वीडियो: रॉयटर्स) pic.twitter.com/ajumfcuJs1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 4, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने एक्स पर कहा, ‘भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ है और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.’
The death toll in Nepal Earthquake stands at 132: Nepal Police pic.twitter.com/CCzhhS2Mwv
— ANI (@ANI) November 4, 2023
उत्तर-पश्चिमी नेपाल के जिलों में शुक्रवार आधी रात से ठीक पहले तेज भूकंप आया. अधिकारियों ने कहा कि भूकंप से कम से कम 140 लोग मारे गए और काफी संख्या में लोग घायल हो गए. राहत- बचावकर्मियों ने पर्वतीय गांवों में तलाशी अभियान चलाया है. अधिकारियों ने शनिवार तड़के कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि कई स्थानों से संपर्क टूट गया है.
Deeply saddened by loss of lives and damage due to the earthquake in Nepal. India stands in solidarity with the people of Nepal and is ready to extend all possible assistance. Our thoughts are with the bereaved families and we wish the injured a quick recovery. @cmprachanda
— Narendra Modi (@narendramodi) November 4, 2023
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ देश के भूकंप प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो गए. नेपाल के अधिकारी के अनुसार भेरी अस्पताल, कोहलपुर मेडिकल कॉलेज, नेपालगंज सैन्य अस्पताल और पुलिस अस्पताल को भूकंप प्रभावितों के लिए समर्पित अस्पताल बनाया गया है. नेपाल में सभी हेली-ऑपरेटरों को तैयार रहने के लिए कहा गया है और प्रभावित क्षेत्रों से घायलों को एयरलिफ्ट करने की सुविधा के लिए नियमित उड़ान आवाजाही निलंबित कर दी गई है. नेपालगंज हवाई अड्डे और सैन्य बैरक हेलीपैड पर एक एम्बुलेंस तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं.
भुकंप के समय अधिकतर लोग पहले से ही अपने घरों में सो रहे थे. भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसके झटके 800 किलोमीटर दूर भारत की राजधानी नई दिल्ली में भी महसूस किए गए. दिल्ली समेत, उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि, भारत में इससे किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है. हालांकि, भूकंप के चलते लोग डर गए. भूकंप के बाद दिल्ली, लखनऊ, पटना समेत अन्य जगहों पर लोग सड़कों पर देखे गए. लोग भयभीत नजर आए. हाल के दिनों में कुछ देशों में आए भूकंप की तबाही का नजारा लोगों ने देखा है.
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कहा कि भूकंप की प्रारंभिक तीव्रता 5.6 थी. यह जमीन की सतह से 11 मील की गहराई पर आया था. नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र ने कहा कि इसका केंद्र जाजरकोट में था, जो नेपाल की राजधानी काठमांडू से लगभग 250 मील उत्तर पूर्व में है. भूकंप के झटके रात 11 बजकर 35 मिनट पर महसूस किए गए थे.
#WATCH | Uttar Pradesh: People come out of their homes after strong tremors felt in North India
(Visuals from Lucknow) pic.twitter.com/8Mq1OAGShj
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 3, 2023
भूकंपपुलिस अधिकारी नरवराज भट्टाराई ने टेलीफोन पर बताया कि भूकंप से रुकुम जिले में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई, जहां कई घर ढह गए. भट्टाराई ने कहा कि तीस घायल लोगों को पहले ही स्थानीय अस्पताल लाया जा चुका है. सरकारी प्रशासन के अधिकारी हरीश चंद्र शर्मा ने कहा कि पड़ोसी जाजरकोट जिले में 34 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा अधिकारी ग्रामीणों के साथ अंधेरे में गिरे हुए घरों से मृतकों और घायलों को निकालने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर पहुंचना मुश्किल था क्योंकि भूकंप और उसके बाद आए झटकों के कारण हुए भूस्खलन के कारण कुछ रास्ते अवरुद्ध हो गए. पर्वतीय नेपाल में भूकंप आम हैं. 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप में लगभग 9,000 लोग मारे गए और लगभग एक मिलियन इमारत क्षतिग्रस्त हो गईं.