UTTARAKHAND

सरकार की और कितनी किरकिरी करवाएंगे ये अधिकारी ?

एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन के नोडल अधिकारी और उत्तराखंड के स्थानिक आयुक्त कार्यालय के गैरजिम्मेदाराना रवैये से वापस हुआ दुबई से दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा कमलेश का शव 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

सरकार के द्वारा शव को वापस भिजवाने से लगी निराशा हाथ

रोशन रतूड़ी ने दुबई से बताया, कि दिवंगत कमलेश भट्ट का पार्थिव शरीर भारत भिजवाने के लिए उन्होंने खुद का खर्चा किया और शव को भारत उसके परिजनों तक पहुंचाने में सफलता भी पाई थी। जिसके लिए उन्होंने यूएई सरकार सहित इमीग्रेशन और एयरपोर्ट अथॉरिटी का भी धन्यवाद किया था लेकिन आज भारत सरकार के द्वारा शव को वापस भिजवाने से निराशा हाथ लगी। अब वह कमलेश के परिजनों से बातचीत करेंगे और अगर वह कहेंगे तो रीति रिवाज से शव का अंतिम संस्कार यहीं कर दिया जाएगा।
देहरादून : उत्तराखंड का स्थानिक आयुक्त कार्यालय आये दिन सरकार की किरकिरी करवाने पर आमादा है लेकिन सरकार है कि वह खुद ही अपनी फ़जीहत करवा रही है , लॉक डाउन के चलते दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों में फंसे उत्तराखंड के नागरिकों को प्रदेश में लौटने में हीला हवाली ही नहीं बल्कि परेशान हाल उत्तराखडियों के फ़ोन न उठाना तो सुर्खियां बना हो था अब टिहरी के युवक की दुबई में हृदय गति रुकने से मौत होने के बाद जब बेटे का शव स्वदेश तो पहुँच गया लेकिन स्थानिक आयुक्त कार्यालय के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते वह वापस हाला गया, मामले में स्वजनों का कहना है कि एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन के नोडल अधिकारी और उत्तराखंड के स्थानिक आयुक्त कार्यालय द्वारा शव की पैरवी न होने के कारण दुबई से आया विमान डेढ़ घंटे इंतजार के बाद वापस दुबई लौट गया।
गौरतलब हो कि टिहरी गढ़वाल के जौनपुर ब्लॉक की सकलाना पट्टी के सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट (25 वर्ष) दुबई के एक होटल में नौकरी करने के दौरान बीती 16 अप्रैल को हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी। उसके बाद से ही कमलेश के स्वजन शव को भारत लाने की मांग कर रहे थे। दुबई में प्रवासी उत्तराखंडी व समाजसेवी रोशन रतूड़ी के प्रयासों से बीते गुरुवार को दुबई से युवक का शव रात लगभग एक बजे दुबई से कार्गो विमान से दिल्ली भेजा गया।
दिल्ली एयरपोर्ट पर शव लेने के लिए कमलेश के पिता हरिप्रसाद भट्ट और अन्य स्वजन गए थे। कमलेश के भाई विमलेश भट्ट ने बताया कि जिला प्रशासन से पास बनाने के बाद देहरादून से एंबुलेंस को बुक कर 24 अप्रैल तड़के साढ़े तीन बजे दिल्ली पहुंचे। विमलेश भट्ट ने बताया कि एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि गृह मंत्रालय ने रात को एक आदेश निकाला कि विदेश से आने वाले किसी भी शव को नहीं लिया जाए। इस वजह से कमलेश के शव सहित तीनों शवों को वापस दुबई आबूधाबी एयरपोर्ट के लिए विमान से वापस लौटा दिया गया है। विमलेश का आरोप है कि भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और दूतावास के बीच समन्वय न होने के कारण उनके भाई के शव की फजीयत हुई है।
एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन के नोडल अधिकारी और उत्तराखंड के स्थानिक आयुक्त कार्यालय के अधिकारी के न होने के कारण उनके अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारियों ने विमान से शव नहीं उतरने दिया। जिसके बाद शव को वापस दुबई भेज दिया गया। शव के इस तरह वापस लौटने के बाद से स्वजन सदमे में हैं। वे अपने बेटे का चेहरा अब कैसे देख पाएंगे ? जबकि एसडीएम धनोल्टी रविंद्र जुवांठा ने युवक का शव लेने जाने के लिए स्वजनों के लिए दिल्ली का पास तक बनाया था।
एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन के नोडल अधिकारी और उत्तराखंड के स्थानिक आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों की लापरवाही के बाद कमलेश के स्वजनों ने इस संबंध में जिलाधिकारी टिहरी को पत्र लिखकर शव को भारत लाए जाने की मांग की है। इसके बाद दिल्ली से स्वजनों का फोन न उठाने वाले जिला प्रशासन ने गृह विभाग को पत्र भेजकर पूरे मामले की जानकारी दी है।

सुनिए इस विडियो में दुबई से समाज सेवी रोशन रतूड़ी ने क्या कहा …… 

https://youtu.be/4ZzBSnR0vHI

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