SAVOY SAGA OF AN ICON
फिल्म को बेस्ट डक्यूमेंट्री फिल्म और दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना
राजेन्द्र जोशी
देहरादून : दुनिया के कई पुरस्कार विजेता फिल्म, डेविल (मौपासेंट ले डायबल) और प्रसिद्ध लेखक गणेश शैली की यह फिल्म भारत में पर्वतों की रानी के रूप में विख्यात और आज़ाद भारत से पूर्व अंग्रेजों का लोकप्रिय हिल स्टेशन मसूरी के सबसे पुराने होटल की कहानी को जीवंत करती है।
https://www.facebook.com/Cineddiction/posts/2587117004950931
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SAVOY SAGA OF AN ICON फिल्म को बेस्ट डक्यूमेंट्री फिल्म और दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुनाराजेन्द्र जोशी देहरादून : दुनिया के कई पुरस्कार विजेता फिल्म, डेविल (मौपासेंट ले डायबल) और प्रसिद्ध लेखक गणेश शैली की यह फिल्म भारत में पर्वतों की रानी के रूप में विख्यात और आज़ाद भारत से पूर्व अंग्रेजों का लोकप्रिय हिल स्टेशन मसूरी के सबसे पुराने होटल की कहानी को जीवंत करती है।मसूरी के सेवॉय होटल की अपनी पहचान है। इस फिल्म में होटल ”द सेवॉय ऑफ मसूरी” की अविश्वसनीय गाथा को जीवंत करती है। मसूरी के रहने वाले किंवदंतियों में होटल सेवॉय के 200 साल का इतिहास है। इस फिल्म में आप इस हेरिटेज होटल के गलियारों से गुजरते हुए आप इसके सदियों पुरानी वास्तु कला से रूबरू भी होंगे। वर्तमान में यह होटल दुनिया में होटल व्यवसाय के लिए जाने माने ब्रांड नाम वेलकम ग्रुप द्वारा संचालित किया जा रहा है। हालाँकि वेलकम ग्रुप द्वारा अभी इस होटल की पूरे भवनों को तैयार नहीं किया गया है लेकिन जितना भी है वह ऐतिहासिक तो है ही साथ ही यहाँ के गलियारों में इसका इतिहास और अब तक यहाँ रुके नामी -गिरामी लोगों के चित्रों को संजोया गया है।Cineddiction Films द्वारा एक वृत्तचित्र। फिल्म फेस्टिवल्स में इस फिल्म को बेस्ट डक्यूमेंट्री फिल्म और दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह फिल्म केके काया और आरपी सिंह द्वारा निर्मित है जबकि इसकी पटकथा और लेखन गणेश शैली द्वारा तैयार की गयी है जबकि गणेश शैली द्वारा ही इस लघु फिल्म को होस्ट किया गया है। इस लघु फिल्म का निर्देशन क्षितिज शर्मा द्वारा किया गया है।
मसूरी के सेवॉय होटल की अपनी पहचान है। इस फिल्म में होटल ”द सेवॉय ऑफ मसूरी” की अविश्वसनीय गाथा को जीवंत करती है। मसूरी के रहने वाले किंवदंतियों में होटल सेवॉय के 200 साल का इतिहास है। इस फिल्म में आप इस हेरिटेज होटल के गलियारों से गुजरते हुए आप इसके सदियों पुरानी वास्तु कला से रूबरू भी होंगे। वर्तमान में यह होटल दुनिया में होटल व्यवसाय के लिए जाने माने ब्रांड नाम वेलकम ग्रुप द्वारा संचालित किया जा रहा है। हालाँकि वेलकम ग्रुप द्वारा अभी इस होटल की पूरे भवनों को तैयार नहीं किया गया है लेकिन जितना भी है वह ऐतिहासिक तो है ही साथ ही यहाँ के गलियारों में इसका इतिहास और अब तक यहाँ रुके नामी -गिरामी लोगों के चित्रों को संजोया गया है।
Cineddiction Films द्वारा एक वृत्तचित्र। फिल्म फेस्टिवल्स में इस फिल्म को बेस्ट डक्यूमेंट्री फिल्म और दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह फिल्म केके काया और आरपी सिंह द्वारा निर्मित है जबकि इसकी पटकथा और लेखन गणेश शैली द्वारा तैयार की गयी है जबकि गणेश शैली द्वारा ही इस लघु फिल्म को होस्ट किया गया है। इस लघु फिल्म का निर्देशन क्षितिज शर्मा द्वारा किया गया है।
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