HEALTH NEWS
एचआईवी संक्रमण से एड्स तक पहुंचने के लिए लगता है आठ से दस साल का वक्त : AIIMS निदेशक

AIIMS ने दिए साइकेट्री कोर्स करने वाले राज्य सरकार के 17 चिकित्सकों को डिप्लोमा प्रमाणपत्र
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
AIIMS अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में विश्व एड्स दिवस पर सार्वजनिक व्याख्यानमाला
ऋषिकेश : AIIMS अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में सार्वजनिक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया,जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने लोगों को लाइलाज बीमारी के लक्षण व रोकथाम के उपाय बताए। एम्स ऋषिकेश में विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग की ओर से पब्लिक लैक्चर का आयोजन किया गया,जिसमें चिकित्सकों ने प्रतिभागियों को एचआईवी संक्रमण व एड्स जैसी लाइलाज बीमारी के कारण व बचावों की विस्तृत जानकारी दी।
संस्थान के निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि जागरुकता से ही एड्स जैसी घातक बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को एक दूसरे को एचआईवी के लक्षणों से संबंधित जानकारी देनी चाहिए, साथ ही नियमिततौर से खून की जांच करानी चाहिए,जिससे इस तरह की घातक बीमारियों से समय रहते बचाव किया जा सके। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के एड्स की बीमारी से ग्रसित होने का पता काफी विलंब से चलता है।
उन्होंने बताया कि जो लोग एचआईवी जांच के प्रति सजग नहीं रहते हैं,उन्हें इससे ग्रसित होने का खतरा अधिक रहता है। निदेशक एम्स ने बताया कि एचआईवी संक्रमण से एड्स तक पहुंचने के लिए आठ से दस साल का वक्त लग जाता है। यह बीमारी ग्रसित व्यक्ति को भीतर से खोखला कर देती है व उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो जाती है। निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि एम्स संस्थान में जल्द ही एचआईवी व एड्स की जांच के लिए एआरटी सेंटर की स्थापना की जाएगी।
सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेखा किशोर व प्रो. वर्तिका सक्सेना की देखरेख में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में डा. मीनाक्षी खापरे,डा. पावना व डा. अपराजिता ने बताया कि एड्स की बीमारी का उपचार संभव नहीं है,मगर इससे बचाव के अनेक उपाय हैं। जिनमें सुरक्षित यौन संबंध, प्रयोग की हुई सुई का दोबारा इस्तेमाल नहीं करना जैसे आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति एचआईवी संक्रमित हो भी जाए तो उसका उपचार सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है। बीमारी की पर्याप्त जानकारी नहीं होने और एचआईवी की जांच कराने में संकोच करने से अधिकांश लोग इस रोग से ग्रसित हो जाते हैं । इस अवसर पर दीप वर्मा आदि मौजूद थे।