हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट को मिला अटल आयुष्मान के तहत उत्कृष्ट सेवा सम्मान
बीते करीब 26 हजार रोगियों का आयुष्मान योजना के तहत किया गया उपचार
हिमालयन हॉस्पिटल को मिल चुका है देश का ‘आयुष्मान गोल्ड क्वालिटी’ सर्टिफाइड हॉस्पिटल का दर्जा
योजना लागू होने के बाद से अब तक हिमालयन हॉस्पिटल में करीब 57 हजार रोगियों को मिला उपचार
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : आयुष्मान योजना के तहत रोगियों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा देने में हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्कृष्ट सेवा सम्मान प्रदान किया। यह सम्मान आयुष्मान योजना के तहत सबसे ज्यादा रोगियों के निशुल्क उपचार के लिए मिला है।
शुक्रवार को उत्तराखंड राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह उत्कृष्ट सेवा सम्मान कुलपति डॉ.विजय धस्माना को प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना संकट काल में भी हिमालयन हॉस्पिटल रोगियों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा देने से पीछे नहीं हटा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमालयन हॉस्पिटल उत्कृष्ट सेवा दे रहा। जिसका लाभ उत्तराखंड के साथ ही पड़ोसी राज्यों को भी मिल रहा है। विशेषकर आयुष्मान योजना के तहत रोगियों को निशुल्क उपचार देने में हिमालयन हॉस्पिटल ने एक मिसाल कायम की है।
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया आयुष्मान योजना साल 2018 के आखिर में लागू हुई। इस दौरान करीब चार हजार से ज्यादा रोगियों का उपचार किया गया। दूसरे वर्ष 2019 में करीब 25 हजार जबकि तीसरे वर्ष 26 हजार रोगियों का आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क उपचार का लाभ उठाया। 2021 जनवरी माह में अभी तक करीब 1900 रोगियों को निशुल्क उपचार दिया जा चुका है। इस अवसर पर हिमालयन हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएल जेठानी, डॉ. अमित मैत्रेय उपस्थित थे।
अब तक 57000 से ज्यादा रोगियों का उपचार
कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि अटल आयुष्मान योजना लागू होने के प्रथम वर्ष में ही हिमालयन हॉस्पिटल के नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई थी। इस योजना के तहत रोगियों का उपचार करने में देशभर में हिमालयन हॉस्पिटल अग्रणी रहा। वर्तमान में अब तक 57000 से ज्यादा रोगियों का उपचार किया जा चुका है।
हिमालयन देश का पहला आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड टीचिंग हॉस्पिटल
हिमालयन हॉस्पिटल ने आयुष्मान योजना के तहत देशभर में सबसे ज्यादा रोगियों का निशुल्क उपचार ही नहीं किया। बल्कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों के तहत गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधा भी मुहैया करवाई। इसके लिए भारत सरकार ने हिमालयन हॉस्पिटल को ‘आयुष्मान गोल्ड सर्टिफिकेशन’ का दर्जा दिया। कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड के मानक कितने कठिन हैं इस बात से समझा जा सकता है कि भारत में करीब 650 मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल हैं। इनमें से हिमालयन देश का एकमात्र टीचिंग हॉस्पिटल है जो ‘आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड’ है।
जानिए क्या होता है आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड ?
अटल आयुष्मान योजना (उत्तराखण्ड) निदेशक एडमिनिस्ट्रेशन एवं मेडिकल क्वालिटी की डॉ.अर्चना श्रीवास्तव ने बताया की आयुष्मान योजना से संबधित अस्पतालों के लिए ब्रोंज, सिल्वर व गोल्ड की तीन श्रेणिया बनाई गई हैं। इन श्रेणियों में गोल्ड श्रेणी में सर्टिफिकेशन सर्वश्रेष्ठ होता है। गोल्ड सर्टिफिकेशन उन्हीं हॉस्पिटल को दिया जाता है जिन्होंने रोगियों को उपचार में गुणवत्ता के सर्वोच्च मानक पूरे करने के साथ ही गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधा दी है।