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हिमालयन हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक महिला के पेट से निकाला 12.7 किलोग्राम का ट्यूमर

हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट ने दिया महिला को नया जीवन
करीब पांच घंटे तक चली सर्जरी के बाद गैस्ट्रो सर्जरी विभाग को मिली सफलता

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग ने एक महिला की जटिल सर्जरी कर उसके पेट से 12.7 किलोग्राम का ट्यूमर निकाला है। देहरादून निवासी महिला अब पूर्णतया स्वस्थ होकर घर जा चुकी है।
हिमालयन हाॅस्पिटल जौलीग्रांट के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉ. केएस बेदी ने बताया कि देहरादून निवासी एक (38) वर्षीय महिला पेट में गांठ और भारीपन की समस्या से जूझ रही थी। जिसको महिला ने देहरादून में कई जगह दिखाया तो जांच करने पर पेट में ट्यूमर बताया गया। लेकिन ट्यूमर की जटिलता को देखते हुये कई चिकित्सकों ने सर्जरी के लिए मना कर दिया।
इसके बाद महिला हिमालयन हाॅस्पिटल के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में डॉ. केएस बेदी से परामर्श के लिए मिली। महिला की स्थिति को देखते हुये उसका अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन कराया गया। जांच में पाया गया कि ट्यूमर महिला के दिल की मुख्य धमनियों के नजदीक होने के साथ ही बांयी किडनी की खून की नसों से चिपका हुआ था।
डॉ. बेदी के अनुसार यह सर्जरी बहुत ही जटिल थी और महिला के जीवन के लिए भी खतरा था। डॉ. केएस बेदी के नेतृत्व में गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मयंक नौटियाल, डॉ. मयंक भसीन, डॉ. अभिनव, ऐनेस्थेटिक डॉ. गुरजीत खुराना, डॉ. अंकित की टीम ने पांच घंटे तक चली सर्जरी महिला के पेट से ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकालकर महिला को नया जीवन दिया।
सर्जरी के पश्चात महिला को तीन दिन तक चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया। महिला के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार होने के पश्चात अब उन्हें हाॅस्पिटल से छुट्टी दे दी गयी है। डॉ. केएस बेदी ने बताया कि यह एक प्रकार का वसा से निकलने वाला कैंसर का रूप था। अगर समय पर सर्जरी नहीं की जाती तो यह महिला के लिए घातक था। अब उक्त महिला पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. एसएल जेठानी ने गैस्ट्रो सर्जरी विभाग की टीम को इस सफल सर्जरी पर बधाई दी और महिला के स्वास्थ जीवन की कामनाएं की हैं।

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