UTTARAKHAND

डेढ़ करोड़ की लागत से बना मिनी सचिवालय खंडहर होने की कगार पर 

पहाड़ों का विकास नहीं भ्रष्ट नेताओं ,ठेकेदारों और भ्रष्ट अधिकारियों का हो रहा विकास

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : कहा जा रहा है उत्तराखंड के पहाड़ों का विकास हो रहा है लेकिन लोगों को दिखाई नहीं दे रहा, जब तक उत्तराखंड में भ्रष्ट नेताओं ,अधिकारियों और ठेकेदारों का गठजोड़ चलता रहेगा तब तक यह राज्य विकास नहीं कर सकता। 
बात करते हैं जिला उत्तरकाशी के विकास खंड नौगांव के तुनाल्का गांव के पास डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से करीब पांच साल पहले बने मिनी सचिवालय की, जिसके लिए एक बिल्डिंग का निर्माण किया गया लेकिन यहां पानी की व्यवस्था नहीं की। यानि भ्रष्ट तंत्र ने ठेकेदार को ठेका दे दिया बिल्डिंग बनाने का, नेता और अधिकारी भी अपना कमीशन लेकर चलते बने लेकिन किसी ने भी इस भवन के बन जाने के बाद सरकार का पैसा कहाँ लगा क्यों लगा इसकी खोज खबर नहीं की। 
जनता की गाढ़ी कमाई के डेढ़ करोड़ रुपयों की लागत से बना यह मिनी सचिवालय आज भी किसी अधिकारी के यहाँ बैठने का इंतज़ार कर रहा है। जो इलाके की जनता को सहूलियतें प्रदान करता लेकिन खंडहर की अवस्था में पहुँचने वाले इस भवन की खिड़कियाँ दरवाजे अराजकतत्व उठाकर ले जा चुके हैं।  पता चला है कि उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में और भी कई स्थानों पर करोड़ों रूपये खर्च कर इस तरह के मिनी सचिवालय और कई पटवारी चौकियां बने हैं जो बंजर पड़े हैं और खंडहर होने की कगार पर पहुँच चुके हैं। 
उत्तरकाशी जिले के नौगांव इलाके के वरिष्ठ पत्रकार विजेंद्र रावत इस तरह से धन की बर्बादी पर दुःख व्यक्त करते हुए अपने फेस बुक वाल पर लिखते हैं कि इस छोटे से राज्य में इस तरह जनता के धन की बरबादी देख बेहद दुःख होता है। उनका कहना है कि सरकारी कारिन्दो ने कमीशन के चक्कर में बिना पानी की व्यवस्था किये बिल्डिंग का निर्माण करवा दिया गया जोकि नियम विरुद्ध था। क्या ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए जिन्होंने जनता के धन का ऐसा दुरुपयोग किया है?

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