Uttarakhand

पहाड़ों से उठने लगी है शराब बंदी की मांग

शराब का ठेका बंद कराने के लिए महिलाओं ने रातभर जागकर दिया पहरा
गैरसैंण। चमोली जिले में गैरसैंण के मेहलचौरी गांव में शराब ठेके के विरोध में गांव की महिलाएं आंदोलन कर रही हैं। शराब की बिक्री को लेकर महिलाओं में इतना गुस्सा है कि यहां उन्होंने शुक्रवार को रातभर जागकर ठेके के बाहर पहरा दिया। उन्हें अंदेशा था कि शराब का ठेका यहां से गांव में दूसरी जगह शिफ्ट हो सकता है। महिलाओं की चार टीमें ठेके के बाहर पहरा देने के साथ ही कुछ स्थानों पर गश्त भी करती रहीं।

जानकारी के अनुसार गैरसैंण से सटे मेहलचौरी गांव में हाईवे पर शराब का ठेका है। गांव में 2013 में शराब का ठेका खुला। महिलाओं ने बताया कि शराब का ठेका खुलने के बाद गांव का माहौल खराब हो गया है। ज्यादातर पुरुष दिनभर मेहनत मजदूरी की कमाई को शराब में उड़ा देते हैं। यही नहीं गांव के नौजवान भी शराब की आदी हो रहे हैं। इससे बच्चे बिगड़ रहे हैं। शराब के नशे में लोग गांव का माहौल बिगाड़ रहे हैं। घर-घर में शराब के कारण कलेश बढ़ रहा है। महिलाएं लंबे समय से शराब ठेका का विरोध कर रही हैं।

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के हाईवे से शराब ठेके हटाने के आदेश के बाद महिलाओं को पता चला कि शराब का ठेका यहां से गांव की ओर शिफ्ट किया जा रहा है। ऐसे में महिलाओं ने आंदोलन छेड़ दिया। खबर थी शुक्रवार को रातोंरात ठेके हाईवे से गांव में शिफ्ट कर दिया जाएगा। महिलाओं को जैसे ही यह बात पता चली उन्होंने चार टीमें बनाई और शराब ठेके विरोध में रातभर पहरा देने का फैसला लिया। महिलाओं की एक टीम शराब ठेके के बाहर बैठ गई। जबकि बाकी तीन टीमें उन संभावित स्थानों पर पहरा देती रहीं, जहां ठेका शिफ्ट करने की तैयारी थी।

महिलाओं की इस सक्रियता से शराब ठेकेदार ठेके को गांव में शिफ्ट नहीं कर पाया। कमला देवी, सुंदरी देवी, प्रिंयका आदि महिलाओं ने इसके बार शनिवार गांव में बैठक भी बुलाई। जिसमें व्यापार सभा और महिला मंगल दल के बीच समझौता हुआ कि किसी भी सूरत में मेहलचौरी में शराब का ठेका खुलने नहीं दिया जाएगा। उधर, नई जगह ठेका शिफ्ट नहीं होने के कारण शनिवार को हाईवे पर शराब की दुकान पर ताला लटका रहा।

उत्तराखंड में पूरी तरह लागू हो शराब बंदी
नई टिहरी। उत्तराखंड जन विकास परिषद ने उत्तराखंड में शराब पर पूरी तरह पाबंदी लगाने की मांग की है। परिषद से जुड़े लोगों ने तहसीलदार के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा है। लोगों ने सीएम से ठोस कृषि नीति बनाने की भी मांग की है। घनसाली में हुई बैठक में परिषद के कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओ पर चर्चा की। उन्होंने तहसीलदार यशवीर रावत के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर समस्याओं के निराकरण की मांग की।

परिषद के संयोजक चन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा कि पहाड़ों में शराब से होने वाले नुकसान से बचने के लिए पूरे प्रदेश में शराब बंदी लागू की जानी चाहिए। इससे युवा पीढ़ी एवं महिलाओं को सुरक्षा मिल सकेगी। साथ ही बंजर होती कृषि भूमि को आबाद करने के लिए ठोस कृषि नीति बनाई जाए। परिषद ने जंगली जानवरों से खेती व ग्रामीणों की सुरक्षा, चीड़ के जंगलों को हटाकर चौड़ी पत्ती व फलदार पौधे रोपने की मांग की। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इस संबंध में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे गए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। यदि सरकार इस ओर कोई ठोस पहल नहीं करती है तो परिषद के कार्यकर्ता सम्पूर्ण उत्तराखंड में जन आंदोलन शुरू करेंगे।

devbhoomimedia

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