देहरादून : मौसम विभाग के अनुसार रविवार और सोमवार को कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। ऐसे में सभी जिलाधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं और आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों को विशेष एहतियात बरतने को कहा गया है।राज्य सरकार ने मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है।
जिला प्रशासनों मौसम के तेवरों को देखते हुए प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। टिहरी प्रशासन ने देवप्रयाग में संगम तट के आसपास के इलाकों को चिह़नित कर सतर्क किया है। वहीं उत्तरकाशी में भी नदी किनारे की बस्तियों को सजग रहने को कहा गया है। इस बीच चार धाम यात्रा मार्गों पर चुनौती बरकरार है। बदरीनाथ के निकट लामबगड़ में हाईवे पर बार-बार मलबा आ रहा है। इससे यात्रा बाधित हो रही है।
हालात की गंभीरता को देखते हुए जोशीमठ के एसडीएम योगेंद्र सिंह मौके पर ही डटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। इसके अलावा गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी मलबा आने का क्रम जारी है। हालांकि यहां यातायात जारी है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अधिकतर स्थानों पर लाइफलाइन ठप है। करीब तीन दर्जन से ज्यादा सड़कों पर मलबा आने से आवाजाही बाधित है।
माससून सीजन के बीच दून में इस सप्ताह 42 फीसद बारिश कम हुई। जो चिंता का विषय है। पहले ही शहर बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण की मार झेल रहा है। ऊपर से मानसून की बारिश भी कम हो रही है, जिससे मौसम विशेषज्ञ चिंतित हैं।
12 से 19 जुलाई के बीच देहरादून में सामान्य बारिश 165.6 मिलीमीटर होती है। जबकि इस अवधि में केवल 96.3 मिलीमीटर बारिश हुई। कुछ क्षेत्रों में तो यह आंकड़ा और भी कम है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि माससून के पीक सीजन में सामान्य से कम बारिश चिंता का विषय है।
वहीँ आज पिथौरागढ़ में उच्च हिमालय में मौसम खराब होने कैलास यात्रियों को लेकर पिथौरागढ़ से गुंजी रवाना हुआ हैलीकॉप्टर आधे रास्ते से वापस लौट आया। जिले में जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग घिघरानी के पास, तवाघाट-गर्बाधार मार्ग गस्कू के पास, तवाघाट नारायण-आश्रममार्ग भूस्खलन से बंद है। वहीं जिले के 15 संपर्क मार्ग भी बंद पड़े हैं।