देहरादून। कर्णप्रयाग सीट पर नौ मार्च को विधानसभा चुनाव होने जा रहे हंै। जिस तरह प्रदेश में सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस और भाजपा के बीच तनातनी का माहौल बना हुआ है, उसे देखते हुए कर्णप्रयाग सीट इन दोनों दलों के लिए नाक का सवाल बन गया है। जैसे-जैसे मतदान की तिथि करीब आती जा रही है, राजनैतिक दलों में चुनावी जोश बढ़ता जा रहा है।
कर्णप्रयाग में नौ मार्च को होने वाले मतदान के लिए आने वाले दिनों में चुनावी माहौल गरमाने की उम्मीद है। प्रदेश की अन्य सभी 69 सीटों पर मतदान के बाद प्रमुख दलों में कांटे की टक्कर नजर आ रही है। सभी दलों के लिए एक-एक सीट महत्वपूर्ण है। प्रदेश में अन्य सभी 69 सीटों पर मतदान होने के बाद प्रमुख दलों का फोकस भी इस सीट पर नजर आ रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि चुनाव प्रचार में सभी दलों के दिग्गज यहां नजर आएंगे।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 69 सीटों पर चुनाव हो चुका है। बसपा प्रत्याशी कुलदीप सिंह कनवासी की आकस्मिॉक मृत्यु के कारण चुनाव आयोग ने कर्णप्रयाग में चुनाव स्थगित कर दिया था। अब यहां चुनाव नौ मार्च को होना है। चूंकि यहां सभी दल अपने प्रत्याशी घोषित कर चुके थे इस कारण केवल बसपा के प्रत्याशी को ही यहां नामांकन करना था। बसपा ने यहां अपने पूर्व प्रत्याशी दिवंगत कुलदीप सिंह कनवासी की पत्नी ज्योति को ही अपना उम्मीदवार बनाया है।
उन्होंने अपना नामांकन भी करा दिया है। यहां से कांग्रेस ने पूर्व विधायक डॉ. अनुसूया प्रसाद मैखूरी जबकि भाजपा ने सुरेंद्र सिंह नेगी को टिकट दिया है। माना जा रहा है कि अब यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। मौजूदा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के लिए अब एक-एक सीट महत्वपूर्ण है। ऐसे में अब सभी नजरें कर्णप्रयाग सीट पर लगी हुई हैं। अन्य सीटों पर मतदान होने के कारण अब चुनाव में उतरने वाले नेता भी यहां अब समुचित समय दे सकते हैं। माना जा रहा है कि इस माह अंत से सभी दल यहां अपना प्रचार तेज कर देंगे।