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रिसर्चः दिल का भी होता है अपना एक छोटा सा दिमाग
दिल के दौरे के दौरान हृदय की मांसपेशियों की रक्षा कर सकता है छोटा सा दिल
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : हमारे हृदय के सामान्य कामकाज का नियंत्रण हमारे शरीर के नियंत्रण केंद्र मस्तिष्क द्वारा नसों के जटिल नेटवर्क के माध्यम से होता है। इस नेटवर्क के बाधित होने से हृदय रोग होता है। हृदय रोग में हर्ट अटैक, रक्त की आपूर्ति में कमी जैसी समस्याएं शामिल हैं।
An interdisciplinary team led by @JeffersonUniv researchers have built the first-ever 3D map of the neurons in the heart!
The study, published in @iScience_CP, reveals unprecedented insight into how these #neurons support heart health. #JeffersonResearch #sparc_science #heart pic.twitter.com/0CTEb8lAlA
— Jefferson Research (@ResearchAtJeff) May 27, 2020
क्या आप जानते हैं कि हृदय का भी अपना दिमाग होता है। यह छोटा सा मस्तिष्क हृदय को स्वस्थ रखने के लिए नेटवर्क में किसी भी गड़बड़ी की निगरानी और उसे सही करने के लिए होता है। यह दिल को सही से काम करने के लिए दुरुस्त रखता है। कब कितना खून सप्लाई करना है यह सब दिल को बताता है। इस छोटे से दिमाग की वजह से हमारा हृदय कई बीमारियों से बचा रहता है।
इसको इंट्राकार्डियक तंत्रिका तंत्र (आईसीएन) कहा जाता है। दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आईसीएन आवश्यक है और यहां तक कि दिल के दौरे के दौरान हृदय की मांसपेशियों की रक्षा भी कर सकता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि आईसीएन यह काम कैसे करता है।
फिलाडेल्फिया स्थित थॉमस जैफरसन यूनिवर्सिटी के बायोलॉजिस्ट जेम्स शॉबर और उनकी टीम ने चूहों के दिल का अध्ययन किया। इसके बाद दिल की नाइफ एज स्कैनिंग माइक्रोस्कोपी से विस्तार से तस्वीर लीं।
जेम्स शॉबर कहते हैं कि हम यह पता कर पाएंगे कि दिल की बीमारियां किस हिस्से को कितना प्रभावित करती हैं। हम उनका उसी तरह से इलाज कर पाएंगे।
थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और उनके सहयोगी इन सवालों का जवाब देने में सक्षम रहे हैं। यह शोध iScience में प्रकाशित हुआ है।