Uttarakhand

कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर, सख्ती रही बेअसर,सचिवालय में सुरक्षा कड़ी

  • तीन लाख कर्मचारी रहे अवकाश पर 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून। राज्य सरकार की सख्ती को दरकिनार करते हुए उत्तराखंड में 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के बैनर तले प्रदेश के करीब तीन लाख से ज्यादा कर्मचारी गुरूवार को सामूहिक अवकाश पर चले गए। हड़ताल के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। राजधानी देहरादून स्थित सचिवालय में सन्नाटा पसरा रहा। सचिवालय के गेट पर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई। इसके अलावा विभिन्न सरकारी कार्यालयों में भी पुलिस व्यवस्था की गई थी ताकि जो कर्मचारी काम पर आना चाहें उन्हें सुरक्षा प्रदान की जा सके।  जिला मुख्यालय पर इस दौरान कर्मचारी संगठनों ने प्रदर्शन किया। वहीं, कई संगठनों से जुड़े कर्मचारियों ने अपने कार्यालयों में भी एकजुट होकर नारे भी लगाए। 

कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश को लेकर सरकार के सख्त रुख का भी कोई असर नहीं दिखाई दिया। सरकार ने हड़ताल पर ‘नो वर्क, नो पे’ का ऐलान किया था यानि जो कर्मचारी छुट्टी करेगा वेतन में से उसके पैसे कटेंगे। इससे पहले गुरुवार को सचिवालय में कर्मचारियों ने पहुंच हाजरी लगाई और प्रदर्शन में जुट गए। एटीएम गेट पर कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। इससे सचिवालय में कामकाज ठप रहा। वहीं प्रदर्शनकारियों द्वारा सचिवालय में आने वाले अन्य कर्मचारियों को भी काम करने से रोका गया। सचिवालय संघ के अध्य्क्ष ने अपील की कि सभी कर्मचारी हाजरी कैंसिल करें और सामूहिक अवकाश में शामिल हों। 

देहरादून जिले में धारा 144 लागू होने और धरना-प्रदर्शन पर प्रतिबंध होने के बाद भी कर्मचारी लैंसडौन चौक स्थित धरनास्थल पर एकजुट हुए और अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। एकजुट हुए कर्मचारियों ने सरकार की सख्ती को सीधे तौर पर चुनौती दे डाली। तमाम कार्यालयों में ताले लटके नजर आए और जो कार्यालय खुले भी दिखे, वहां भी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।

इसी तरह अन्य विभागों में भी काम काज ठप रहा। सातवें वेतनमान के भत्तों समेत 10 सूत्रीय मांग पत्र पर वित्त मंत्री प्रकाश पंत से उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की बैठक राज्य सचिवालय में शुरू हुई। जिसके बाद संयोजक मंडल संग हुई बैठक में वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने आवास भत्तों में बढ़ोतरी के संकेत दिए। बैठक में कर्मचारियों की दस सूत्री मांगों पर चर्चा हुई। वित्त मंत्री ने समन्वय समिति से कहा कि वह उनकी सभी मांगे शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट के सामने रखेंगे। जिसके बाद कैबिनेट उन पर फैसला लेगी। इस दौरान वित्त मंत्री ने आवास भत्ते में बढ़ोतरी के संकेत दिए। उधर, समन्वय समिति का कहना है कि लिखित में बैठक के मिनट्स जारी होने के बाद संयोजक मंडल इस विचार करेगा और आगे की रणनीति तय करेगा। कहा कि शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।

प्रदर्शन के दौरान समिति के संयोजक मंडल में शामिल सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी, उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा के मुख्य संयोजक ठा. प्रहलाद सिंह, संतोष रावत, अरुण पांडे, सुनील कोठारी, एसपी रणाकोटी, राकेश जोशी समेत विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य शामिल रहे।

 

  • ये हैं कर्मचारियों की दस सूत्री मांगें:-
  • आवास भत्ते में 8,12,16 प्रतिशत वृद्धि।
  • वर्तमान एसीपी के स्थान पर एसीपी की पूर्व व्यवस्था लागू हो।
  • शिथिलीकरण नियमावली 2010 को यथावत लागू किया जाए।
  • पुरानी पेंशन की बहाली की जाए।
  • सरकारी अस्पतालों में रेफर करने की व्यवस्था समाप्त हो।
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 4200 ग्रेड-पे।
  • वाहन चालकों को 4800 ग्रेड-पे दिया जाए।
  • उपनल कर्मियों को समान कार्य-समान वेतन।
  • 2005 से पहले के निगम कर्मचारियों को स्वायत्तशासी निकायों के समान पेंशन।

 

श्रम संगठनों को कुचलना चाहती है सरकारः हीरा सिंह बिष्ट

देहरादून । इंटक कोर कमेटी की बैठक में इंटक के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व काबीना मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार प्रदेश के विभिन्न श्रमिक संगठनों के आंदोलनों को कुचलना चाहती है। संगठन इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों को लेकर श्रमिक संगठनों का आवाज बुलंद करना जायज है और सरकार इसी दबा नहीं सकती। इसका संगठन पुरजोर विरोध करता है।
बैठक का संचालन करते हुए इंटक के प्रदेश महामंत्री एपी अमोली ने कहा कि अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए प्रदेश सकरार कर्मचारी महासंघों के आंदोलनों को दबाने का प्रयास कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों के लिए सातवें वेतनमान को लागू करने का नाटक किया। सरकार ने उनके ग्रेड वेतन को कम कर मजदूर विरोधी होने का प्रमाण दिया है। बैठक में इंटक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीरेंद्र नेगी, प्रदेश सचिव वीके छतवाल, परिवहन निगम कर्मचारी नेता अशोक चौधरी आदि मौजूद रहे।

Related Articles

Back to top button
Translate »