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खबर का असर: मुख्यमंत्री ने फौजी की जमीन कब्जाने के मामले में जिलाधिकारी को तुरंत जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश

वो सीमा पर देश की एक-एक इंच भूमि की रक्षा करता रहा और यहां भूमाफिया ने कब्जा ली उसकी जमीन

यह कैसा सैन्य धाम जहां सैनिकों की ही जमीन माफिया ने ली कब्जा 

जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं ले. कर्नल कार्तिक और उनका जुड़वा भाई कर्नल कुकरेती

बड़कली मोहम्मदपुर में रातों-रात भूमाफिया ने काट डाले प्लाॅट, खड़ा कर दिया वैंक्वेट हाॅल

”सैन्य परिवार से ताल्लुख रखने वाले मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत ने समाचार पर रात को ही तुरंत जिलाधिकारी देहरादून को मामले की जांच कर शीघ्रातिशीघ्र आख्या देने के निर्देश दिए हैं , मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की रक्षा करने वाले फौजी परिवारों के साथ सरकार खड़ी है। उन्होंने कहा इस मामले में चाहे कोई कितना भी बड़ा माफिया क्यों न हो बख़्शा नहीं जाएगा और सैन्य परिवार को न्याय दिया जायेगा। ”

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : जिस कुकरेती परिवार को विरासत में देश सेवा का तमगा मिला हो। जिस परिवार ने देश को ले. जनरल प्रेम कुकरेती और कर्नल आरसी कुकरेती समेत आधा दर्जन से अधिक सैन्य अफसर दिये हों। और उस परिवार के दो वीर सपूत आज भी देश की सीमाओं पर देश की एक-एक इंच भूमि की रक्षा कर रहे हों, उस परिवार की मेहनत की कमाई की जमीन भूमाफिया ने कब्जा ली।
लाॅकडाउन का लाभ उठाकर भूमाफिया ने बड़कली मोहम्मदपुर में ले. कर्नल कार्तिक की पांच बीघा जमीन कब्जा कर अवैध बैंक्वेट बना लिया और वहां प्लाटिंग भी कर दी। श्रीनगर से दिल्ली और दिल्ली से देहरादून पहुंच कर ले. कर्नल कार्तिक आज जब माफिया से बात करने पहुंचे तो माफिया विवेक ने बड़े-बड़े अफसरों और वन, राजस्व विभाग के अधिकारियों को अपना पनाहगार बताते हुए कहा कि उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा। ये बात सच भी है क्योंकि बिना वन, भू और एमडीडीए की मिलीभगत से यह कब्जा हो भी नहीं सकता था।
इतना ही नहीं भूमाफिया ने तो सड़क के साथ लगी वन विभाग की जमीन को भी कब्जा लिया है। यहां दर्जनों पेड़ों को काट डाला गया और लाॅकडाउन का लाभ उठा कर कीमती घास भी बिछा दी गई है। इस जमीन पर अवैध प्लांिटंग भी चल रही है। भूमाफिया हमारे प्रदेश का नहीं है यहां बस गया है। इस भूमाफिया का बचाव एक कांग्रेसी महिला नेता हेमा बोरा कर रही हैं और अवैध प्लाटिंग में कोई डबराल उसका पार्टनर है। कर्नल कार्तिक के पिता कर्नल आरसी कुकरेती और मां इरा कुकरेती नवादा में गरीब और फौजी बच्चों को क्वालिटी एजूकेशन दे रही हैं। लाॅकडाउन में वो अपनी जमीन देखने नहीं जा सके तो माफिया ने पूरी जमीन कब्जे में ले ली है।
दरअसल, भूमाफिया हमारे कानून की लचरता को जानता है। उसे पता है कि पुलिस-प्रशासन कब्जे की जमीन को लेकर गंभीर नहीं होती है। वन, राजस्व, पटवारी पुलिस सबकी मिलीभगत होती है। सब जानते हैं कि जिसकी भूमि कब्जा दी गई है उसे यह कोर्ट में अपनी जमीन साबित करने में वर्षों लग जाते हैं। पुलिस, प्रशासन इस मामले से पल्ला झाड़ लेते हैं क्योंकि इसे सिविल केस माना जाता है। अब इस फौजी परिवार के सामने क्या विकल्प है? क्या इस फौजी अफसर का गुनाह है कि वो देश रक्षा के लिए सीमा पर तैनात है और उसका अपनी जमीन सुरक्षित नहीं है? कोई बताएगा अब क्या किया जाना चाहिए? क्या कोई बताएगा कि कर्नल कार्तिक के लिए यदि चीन और पाकिस्तान दुश्मन हैं तो अपने घर में उनकी जमीन कब्जाने वाला क्या है? क्या हो ऐसे भूमाफिया के साथ सुलूक? क्या कर्नल कार्तिक भी अदालती पचड़ों में उलझ जाएंगे? कई सवाल हैं लेकिन जवाब सरकार को देना है कि वो सैनिकों के लिए कैसा पांचवां धाम बनाना चाहती है या भूमाफिया धाम?
साभार : गुणानंद जखमोला की फेसबुक वाल से 

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