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हरीश रावत ने अ.जा. के युवक की हत्या के प्रायश्चित स्वरूप रखा मौन उपवास

  • सरकार को करनी चाहिए पीड़ि‍त परिवार की मदद : हरीश रावत
  • प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह खेमा उपवास कार्यक्रम से रहा गायब!

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून । टिहरी जिले के बसाण गांव निवासी अनुसूचित जाति के युवक के साथ विवाह समारोह के दौरान मारपीट के बाद उसकी मृत्यु से पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत व्यथित मामले को लेकर उन्होंने सोमवार को देहरादून के गांधी पार्क में प्रायश्चित स्वरूप सुबह 10 बजे से गांधी पार्क में बापू की प्रतिमा के नीचे बैठ एक घंटे तक मौन उपवास किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि यह एक सामाजिक अपराध का मामला है। लिहाजा, लोस चुनाव की आचार संहिता लागू होते हुए भी सरकार को पीड़ि‍त परिवार की मदद करनी चाहिए। उनके साथ राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, विधायक मनोज रावत, सुरेंद्र कुमार, ओमप्रकाश सती बब्बन, प्रभुलाल बहुगुणा, सुशील राठी,संजय भट्ट, जसबीर सिंह रॉवत, श्याम सिंह चौहान, कमलेश रमन, गरिमा महरा दसौनी, शांति रॉवत, आशा मनोरमा शर्मा डोबरियाल आदि भी रहे। मौनव्रत का समापन बापू के प्रिय भजन रघुपति राघव राजाराम के साथ किया गया। 

रविवार को बसाण गांव निवासी मृतक के परिजनों को सांत्वना देने के बाद देहरादून लौटे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पीड़ि‍त परिवार की स्थिति बेहद दयनीय है। प्रकरण में कानून अपना काम करेगा, मगर वर्तमान में पहली जरूरत पीड़ि‍त परिवार को मदद मुहैया कराने की है। वजह ये कि परिवार के कमाऊ पूत की मौत के बाद गुजर-बसर का कोई सहारा नहीं है। हालांकि, लोगों के साथ ही तमाम संगठन मदद को आगे आए हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी 50 हजार की राशि दी है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह पीड़ि‍त परिवार को फौरन आर्थिक मदद मुहैया कराए।

इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने रविवार को तहसील नैनबाग के बसाण गांव जाकर मृतक जितेंद्र के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सभी पीड़ि‍त परिवार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि वह पीड़ि‍तों की बात को सरकार तक पहुंचाएंगे और जो भी मदद होगी वह की जाएगी। उन्होंने यहां परिजनों की समस्याएं भी सुनीं। वहीं इस उपवास कार्यक्रम में  हरीश रावत के ही समर्थक ही दिखाई दिए। जबकि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह खेमे के नेताओं ने इससे दूरी बनाए रखी। जबकि यह घटना कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के इलाके में हुई वैसे भी उनकी यहाँ उपस्थिति होनी चाहिए थी लेकिन एक सामाजिक मुद्दे पर भी कांग्रेस की खेमेबाजी चर्चा का विषय बनी हुई है।

गौरतलब है कि बीती 26 अप्रैल को एक शादी समारोह में अनुसूचित जाति के युवक जितेंद्र के साथ कुछ लोगों ने मारपीट कर दी थी। कुछ दिन बाद उसकी देहरादून के अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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