आज जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से दुनिया भर के देश चिंतित हैं। इसके असर को रोकने के लिए पिछले लम्बे समय से सरकारी अथवा सामाजिक स्तर पर जन-जागरूकता के रूप में सभी जरूरी प्रयास तलाशे जा रहें हैं। ये प्रयास प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के बिना सम्भव नहीं हो सकते हरेला पर्व भी यहीं संदेश देता है कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं का हल अधिकाधिक वृक्षारोपण में है।
उत्तराखंड का लोकपर्व हरेला भी वृहद वृक्षारोपण कर पूरी दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ने का संदेश देता है।
श्री कमल किशोर डुकलान ने बताया कि पिछले अनेक वर्षों से वासुदेव लाल मैथिल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज ब्रह्मपुर रुड़की हरिद्वार पिछले अनेक वर्षों से पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर विद्यालय द्वारा सम्पर्कित ग्रामों में वृहद स्तर पर हरेला सप्ताह के अन्तर्गत वृक्षारोपण के अलावा छात्र-छात्राओं की जन जागरुकता के लिए पर्यावरण,जल संरक्षण से सम्बन्धित भाषण,निबन्ध,चित्रकला आदि प्रतियोगिताओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सतत् प्रयासरत है।
उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला ने हमें एक अवसर दिया है प्रकृति को नजदीक से जानने-समझने का जिस प्रकृति में हम पलकर बढ़े हुए हैं। इस हरेला पर्व पर हम एक पेड़ स्वयं एवं एक पेड़ निकट पड़ोसी से अवश्य लगवाएं साथ ही चाल,खाल एवं अन्य तरीकों से एक-एक बूंद पानी की अवश्य बचाएं हमारे आज के प्रयास हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए वरदान साबित होंगे।