UTTARAKHAND

हिमालयन अस्पताल में हैंड्स ऑन कार्यशाला का आयोजन

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हिस्ट्रोस्कोपी कार्यशाला 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के हिमालयन अस्पताल में स्त्री रोग विभाग की ओर से अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर (हिस्ट्रोस्कोपी) हैंड्स ऑन कार्यशाला का आयोजन किया गया।

एसआरएचयू हिमालयन अस्पताल के स्त्री रोग विभाग की ओर से बच्चे दानी का दूरबीन द्वारा चेकअप ( हिस्ट्रोस्कोपी ) थीम पर आधारित हैंड्स ऑन कार्यशाला में बच्चेदानी में रसौली, गर्भाशय कैंसर, महिलाओं में महावारी संबंधित परेशानियों व बांझपन के लक्षण व निस्तारण पर चर्चा की गई।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि जयपुर मेडिकल काॅलेज से आए डाॅ. वी नाहटा, हिमालयन अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. एसएल जेठानी, मेडिकल काॅलेज डीन डाॅ. मुस्ताख अहमद व स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. रूचिरा नौटियाल ने संयुक्त रूप से डाॅ. स्वामी राम के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. रूचिरा नौटियाल ने बच्चेदानी में रसौली की जटिलताओं पर कहा कि महावारी में अत्यधिक रक्तस्त्राव, पेट के निचले हिस्से में सूजन, गर्भावस्था के दौरान मोनोपॅज के बाद ब्लीडिंग जैसे लक्षण दिखने पर बिना देर किए चिकित्सक से संपर्क करें।

उन्होंने बताया कि बच्चेदानी में रसौली की जांच के लिए हिस्ट्रोरोस्कोपी व लेप्रोस्कोपी के माध्यम से पता लगाया जा सकता है। डाॅ. नौटियाल का कहना है कि अगर बच्चेदानी में रसौली व गर्भाशय में कैंसर के लक्षण पाए जाने पर सर्जरी करने की संभावना बढ़ जाती है। जिसमें हम मरीज को बिना चीरा लगाए दूरबीन विधि द्वारा सर्जरी कर सकते हैं, इससे मरीज को अस्पताल में लंबे समय तक रूकने की आवश्यकता नही रहती व मरीज को अत्यधिक दर्द भी नही सहना पड़ता है।

डाॅ. वी नाहटा ने फैलोपियन टूयूब ब्लाकेज, बच्चेदानी में मस्सा के इलाज की जानकारी दी। स्त्री रोग विभाग की ओर से ओटी (आॅपरेशन थेयेटर ) में भी हैंड्स आॅन (हिस्ट्रोस्कोपी) के तहत मौजूद जूनियर चिकित्सकों को हाॅस्पिटल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ. वी नाहटा व डाॅ. रूचिरा नौटियाल ने हिस्ट्रोस्कोपी से गर्भाशय के कैंसर, बच्चेदानी में रसौली को सर्जरी से रोगियों को किस तरह बेहतर इजाल के तकनीकों की विधियों को साझा किया।

कार्यशाला में डाॅ. देवनंदा चैधरी, डाॅ. निमिषा, डाॅ. मिशू मंगला, डाॅ. वीना अस्थाना, डाॅ. गुरजीत खुराना, डाॅ. रोहन व डाॅ. अंकिता नर्सिंग स्टाफ रेनू व नीतू का सहयोग रहा।

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