Uttarakhand

विधानसभा में पास हुआ जीएसटी बिल

जीएसटी बिल लाने वाला देश का छठा राज्य बना उत्तराखंड 

अनिश्चितकाल को सदन हुआ स्थगित

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद उत्तराखंड जैसे उपभोक्ता प्रधान राज्य को खासा फायदा होगा। इससे राज्य के कर राजस्व में भी इजाफा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्य को खासा लाभ होगा। जीएसटी विधेयक को पारित करने वाला उत्तराखंड देश का छठवां  राज्य बन जाएगा। सीएम ने कहा कि राज्य में जीएसटी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है। वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों को कई तरह के टैक्स से निजात मिल जाएगी। इससे वस्तुओं की कीमतों में कमी आने की भी उम्मीद है।

देहरादून। बहुप्रतीक्षित राज्य माल एवं सेवा कर (एसजीएसटी) एक्ट लागू करने की दिशा में उत्तराखंड ने सोमवार को एक कदम बढ़ा दिया। उत्तराखण्ड विधानसभा में विधानसभा में जीएसटी बिल पास हो गया है। इसी के साथ उत्तराखंड जीएसटी बिल लाने वाला देश का पांचवां राज्य बन गया है। इससे पहले बिहार, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलेंगाना ने जीएसटी लागू किया है। जीएसटी आने के बाद अब केंद्र और राज्य के करों को अलग अलग नहीं देना होगा।
इसी के साथ छोटे व्यपारियो को देखते हुए, टैक्स स्लैब में किया गया। बदलाव 5 लाख से बढ़ा कर 10 लाख किया गया है। 10 लाख से कम लेनदेन करने वाले व्यापारियों को जीएसटी में छूट दी गई है।

जीएसटी प्रणाली से कर आमदनी बढ़ने को लेकर उत्साहित राज्य सरकार ने विधानसभा के दो दिनी विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार को एसजीएसटी विधेयक पेश किया। सरकार की मानें तो नई व्यवस्था लागू होने से राज्य को करीब एक हजार करोड़ ज्यादा कर राजस्व मिल सकेगा।

सोमवार को सदन में विधेयक पेश करने के बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि एसजीएसटी विधेयक विधानसभा में पारित होने के बाद इसकी नियमावली के संबंध में कार्यवाही होगी। जीएसटी लागू करने के लिए विधायकों से लेकर कार्मिकों और कारोबारियों को विभिन्न स्तर पर व्यापक प्रशिक्षण के लिए बंदोबस्त किया गया है। जीएसटी में करों के चार स्लैब पांच फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद व 28 फीसद हैं। वस्तुओं पर कर की दरों के इन स्लैब का निर्धारण जीएसटी काउंसिल की 18 व 19 मई को प्रस्तावित बैठक में होगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के तहत सप्लाई पर करदेयता होगी। जिस राज्य में आपूर्ति होगी, उस राज्य को कर प्राप्त होगा। केंद्र द्वारा लगाए गए कर सीजीएसटी और राज्य के कर को एसजीएसटी कहा जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि शराब और पांच पेट्रो पदार्थ जीएसटी से बाहर रहेंगे। वैट, लक्ज़री, गैंबलिंग, सेसे, समेत 17 टैक्स इसमें समाहित होंगे। इसके लिए हर महीने रिटर्न दाखिल करने होगा। इसके दायरे के किसान बाहर रहेंगे। जीएसटी विधेयक पारित होने के बाद नियम और विधिक प्रावधान किए जाएंगे। इसके लिए कार्यशाला आयोजित की जाएंगी। साथ ही विभागों का ढांचा पुनर्गठित होगा। 

इस मौके पर विपक्ष ने जीएसटी को लेकर सरकार को सुझाव दिए। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि इस संबंध में उन्हें 11 बैठकों में शामिल होने का मौका मिला। इसमें तय हुआ कि डेढ़ करोड़ तक पर 90 प्रतिशत राज्य को मिलेगा। बाकी राशि पर 50 फीसद का प्रावधान है। सरकार को इसका भी ध्यान रखना चाहिए। विधायक निजामद्दीन ने कहा कि व्यापारियों के दिमाग मे जीएसटी को लेकर एक भय है। उसे निकालने के लिए सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए। 

विधेयक में कुल 21 अध्याय
कुल 21 अध्याय और 174 धाराओं में बुना गया जीएसटी विधेयक में करों को लेकर अपील व पुनरीक्षण का प्रावधान भी है। वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी में अब तक राज्य में वैट के तहत पंजीकृत 97907 डीलर्स में से वर्तमान में 75478 यानी 78 फीसद डीलर्स नामांकन करा चुके हैं। शेष 22 फीसद का भी जल्द नामांकन होगा।

जीएसटी में राजस्व संग्रह
वैट से वर्ष 2015-16 में कुल 6096.24 करोड़ कर राजस्व मिला था, जो वर्ष 2016-17 में 17.18 फीसद बढ़कर 7143.35 करोड़ हो गया। जीएसटी में राजस्व हानि की राज्यों को प्रतिपूर्ति वर्ष 2015-16 को आधार वर्ष मानते हुए 14 फीसद राजस्व वृद्धि के मुताबिक केंद्र करेगा। जीएसटी से राज्य को सेवा कर से भी अतिरिक्त कर मिलेगा। इस वजह से राज्य को केंद्र से प्रतिपूर्ति की जरूरत नहीं पड़ेगी।

उद्योगों को एक्साइज ड्यूटी छूट
राज्य में सिडकुल के तहत 31 मार्च, 2010 तक लगी औद्योगिक इकाइयों को दस वर्ष यानी 31 मार्च, 2020 तक एक्साइज ड्यूटी में छूट मिली हुई है। जीएसटी में इस छूट का प्रावधान नहीं होने के बावजूद केंद्र सरकार ने ऐसी इकाइयों के लिए सीजीएसटी के 58 फीसद तक रिफंड आधारित छूट का प्रावधान किया है। शेष 42 फीसद छूट का वहन राज्य सरकार खुद करेगी।

प्रशिक्षण

उत्तराखंड में जीएसटी लागू करने से पहले राज्य के व्यापारियों को इसकी जानकारी देने को 100 से ज्यादा ट्रेनिंग प्रोग्राम कार्यक्रम कराए जाएंगे। इससे बड़ी संख्या में युवाओं को आईटी के क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। व्यापारियों की मदद के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है। इसके लिए राज्यभर में मास्टर ट्रेनर नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

प्रावधान
एक्ट के तहत प्रावधान है कि यदि व्यापारी 50 हजार से ज्यादा का माल अपने एक गोदाम से दूसरे गोदाम में भी ले जाता है तो उसे ईवे बिल ऑनलाइन भरना होगा। यह शर्त सालाना 10 लाख का टर्न ओवर वाले व्यापारियों के लिए अनिवार्य होगी। लेकिन राज्य के बाहर से माल लाने पर सभी व्यापारियों को ईवे बिल देना होगा।

दायरे से बाहर
शराब और पांच प्रकार के पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी से बाहर रखा गया है। करेत्तर राजस्व को भी सरकार अपने स्तर पर घटा बढ़ा सकती है। करेत्तर राजस्व से सरकार को पिछले वर्ष 1200 करोड़ की आय प्राप्त हुई थी और इसे सरकार घटा बढ़ा सकती है।

ट्रायल में शामिल
केंद्र सरकार ने राज्य के 100 व्यापारियों को जीएसटी के ट्रायल में शामिल किया है। 1 मई से व्यापारियों को ट्रायल के तौर पर सभी कार्य जीएसटी की तर्ज पर ऑन लाइन करने होंगे। पूरे देश में कुल 5000 व्यापारियों को इस योजना के तहत चुना गया है।

जीएसटी काउंसिल करेगी,कि किस वस्तु पर कौन सा स्लैब लागू होगा तय

किस वस्तु पर कौन सा स्लैब लागू होगा, इसका निर्धारण जीएसटी काउंसिल करेगी। विधेयक में अधिकारियों को बकाया वसूली, निरीक्षण, तलाशी, अभिग्रहण और गिरफ्तारी की शक्तियां देने का कानूनी प्रावधान है। अपीलों की सुनवाई के लिए अपील अधिकरण की स्थापना करने, कर भार के फायदों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने और मुनाफाखोरी रोकने के लिए कानून का प्रावधान भी शामिल है।

75478 डीलर्स पंजीकृत
10 लाख रुपये के टर्नओवर वाले व्यापारी एसजीएसटी के दायरे में आएंगे। वैट की अदायगी करने वाले 97,907 डीलर्स में से अब तक 75478 डीलर्स (78 प्रतिशत)नामांकन करा चुके हैं। शेष के पंजीकरण के प्रयास चल रहे हैं।

ढांचे का होगा पुनर्गठन
एसजीएसटी में मनोरंजन कर के कार्मिकों का वाणिज्य कर विभाग में संविलयन होगा। इसके लिए सेवा नियमावली, संरचनात्मक ढांचे के पुनर्निर्धारण की कार्यवाही जल्द की जाएगी।

उद्योगों को छूट
एसजीएसटी लागू होने के बाद सिडकुल के तहत स्थापित निर्माण इकाइयों को आबकारी ड्यूटी तो अदा करनी होगी, मगर केंद्र (58 प्रतिशत) और राज्य (42 प्रतिशत) इसे लौटाएंगे। ये सुविधा 2020 तक मिलेगी।

कर वसूली में 17.18 फीसदी बढ़ोतरी
राजस्व हानि की प्रतिपूर्ति के लिए एसजीएसटी में वर्ष 2015-16 को आधार वर्ष निर्धारित किया गया है। इसके तहत 14 प्रतिशत राजस्व वृद्धि के आधार पर राज्यों को प्रतिपूर्ति करने की व्यवस्था है। 2015-16 में राज्य ने 6096.24 करोड़ राजस्व जुटाया था। करीब 17.18 फीसदी की बढ़ोतरी दर से 2016-17 में यह 7143.35 करोड़ रुपये हो गया।

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