GST की तिमाही रिटर्न फाइल करने की सुविधा देने की घोषणा हवा-हवाई !
- छोटे व्यापारियों को भी जी.एस.टी रिटर्न हर माह फाइल करना होगा
देहरादून । केन्द्र सरकार के मंत्रियों की छोटे व्यापारियों को मासिक रिटर्न फाइन करने में राहत देकर तिमाही रिटर्न फाइल करने की सुविधा देने की घोषणा हवा-हवाई साबित हुई है। केन्द्रीय वित्त विभाग तथा राज्य सरकारों की जारी अधिसूचनाओं से स्पष्ट हो गया है कि कम्पोजिशन वाले व्यापारियों को छोड़कर सभी व्यापारियों को जीएसटी आर 3बी हर अगले माह की 20 तारीख तक मासिक रूप से ही फाइल करना होगा और इसे फाइल करने से पहले ही टैक्स का भुगतान भी करना होगा।
टैक्स सी.एच.आर.बार. एसोसिएशन के अध्यक्ष नदीम उद्दीन एडवोकेट ने उक्त जानकारी देते हुये बताया कि केन्द्र व उत्तराखंड सरकार की अधिसूचनाओं के अनुसार खरीद, बिक्री, टैक्स, इनपुट टैक्स क्रेडिट के कुल योग के विवरण वाला फार्म 3बी सभी जी.एस.टी. में रजिस्टर्ड व्यापारियों को अगल माह की 20 तारीख तक ऑन लाइन फाइल करना है। इसे फाइल करने से पहले टैक्स का भुगतान करना आवश्यक है। इस तिथि के बाद टैक्स जमा करने पर 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज तथा निर्धारित तिथि के बाद रिटर्न फाइल करने पर 50रू. प्रतिदिन की दर से विलम्ब शुल्क भी जमा करना होगा। अक्टूबर माह के रिटर्न के लिये निर्धारित तिथि 20 नवम्बर के बाद से विलम्ब शुल्क लगना शुरू हो गया है।
श्री नदीम ने बताया कि केन्द्र सरकार ने छोटे व्यापारियांं को राहत के नाम पर लॉली पॉप थमा दिया है। इसके अन्तर्गत रजिस्टर्ड व्यापारियों को बिल वार बिक्री/सप्लाई के पूर्ण विवरण सहित समस्त सप्लाई के विवरण वाला रिटर्न जी.एस.टी. आर-1 डेढ़ करोड़ तक के टर्न ओवर वाले व्यापारियों द्वारा तिमाही भरने की छूट दे दी गयी है। श्री नदीम के अनुसार इससे छोटे व्यापारियों को खास राहत नहीं मिलेगी क्योंकि फार्म-3 बी के लिये व्यापारी को सारी खरीद-बिक्री तथा सप्लाई व आइ टी सी तथा टैक्स का हिसाब मासिक रूप से लगाना ही पड़ेगा।
केन्द्र व उत्तराखंड सरकार की अधिसूचनाओं के अनुसार अब रिटर्न देरी से भरने पर विलम्ब शुल्क 200 रू. प्रतिदिन से घटाकर 50 रू. प्रतिदिन कर दिया गया है जबकि शून्य की रिटर्न वाले करदाताओं को 20 रू. प्रतिदिन की दर से विलम्ब शुल्क का भुगतान करना होगा। श्री नदीम ने बताया कि जुलाई, अगस्त, सितम्बर के फार्म 3बी के लिये विलम्ब शुल्क माफ कर दिया गया है। लेकिन अक्टूबर के रिटर्न के लिये विलम्ब शुल्क का भुगतान करना होगा और बिना जुलाई, अगस्त, सितम्बर का रिटर्न फाइल किये अक्टूबर का रिटर्न फाइल नहीं होगा।
श्री नदीम ने केन्द्र व राज्य सरकारों से मांग की है कि डेढ़ करोड़ तक टर्नओवर वाले छोटे व्यापारियों को सरकार की घोषणा के अनुसार सभी रिटर्न तिमाही फाइल करने तथा तिमाही रूप से ही टैक्स जमा करने की छूट दी जाये सरकार के मंत्रियों की घोषणा के कारण तथा जी.एस.टी. पोर्टल की अव्यवस्थाओं के कारण ही व्यापारी अपने रिटर्न फाइल नहीं कर सके है। इसलिये कम से कम 31 मार्च 2018 व व्यवस्था ठीक होने तक इनके लिये लेट फीस व ब्याज में छूट दी जाये और जिन व्यापारियों द्वारा लेट फीस भुगतान कर दी गयी है उन्हें तुरंत उनके कैश लेजर में क्रेडिट किया जाये तथा इससे सभी प्रकार के टैक्स भुगतान की सुविधा दी जाये।