NATIONAL

सांसद निधि खर्च करने में फिसड्डी रहे उत्तराखंड के सांसद !

लोक सभा सांसदों की 30 फीसदी सांसद निधि खर्च होने को शेष….

  • 4112 करोड़ की सांसद निधि 31 मार्च 2019 तक नहीं हो सकी खर्च 
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 36 प्रतिशत खर्च होनी बाकि
  • राहुल गांधी की सांसद निधि 32 प्रतिशत खर्च होने को शेष
  • सांसद निधि खर्च करने में नागालैंड प्रथम, हिमाचल प्रदेश व चंडीगढ़ चौथे स्थान पर 
  • उ.प्र 11वें तथा उत्तराखंड 25 वें स्थान पर रहा सांसद निधि खर्च करने में

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : 16वीं लोकसभा के सांसदों का कार्यकाल समाप्त होने को है लेकिन 31 मार्च 2019 तक उनकी लगभग एक तिहाई सांसद निधि खर्च नहीं हो सकी। इतना ही नहीं 18 प्रतिशत सांसद निधि भारत सरकार से सांसदों के खर्च सम्बन्धी प्रमाण, ऑडिट रिपोर्ट आदि न प्राप्त होने के कारण जारी नही हुई है। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत संख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने सांसद निधि जारी करने वाले नोडल मंत्रालय संख्यिकी औैर कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय से वर्तमान सांसद को सांसद निधि जारी करने व खर्च करने की सूचना मांगी। इसके उत्तर में उपसचिव एवं केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी राज क्रिशन भोरिया ने अपने पत्रांक 11011 दिनांक 20-02-2019 से वांछित सूचनाओं को एम्पीलेडस वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक का विवरण उपलब्ध कराया है। इस लिंक से अप्रैल 2019 के प्रारम्भ में सूचना डाउनलोड करने पर 30 प्रतिशत सांसद निधि खर्च न हो पाने का खुलासा हुआ है।

श्री नदीम को उपलब्ध विवरण के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाराणसी सांसद के रूप में 25 करोड़ की सांसद निधि में से 17.5 करोड़ की सांसद निधि जारी हुई है। वर्ष 2017-18 की दूसरी किस्त ऑडिट रिपोर्ट गलत प्राप्त होने के कारण नहीं जारी हुई उसमें से भी 1.48 करोड़ की सांसद निधि खर्च नहीं हो सकी है। कुल जारी नहीं हुई सांसद निधि को जोड़कर 36 प्रतिशत कुल 8.98 करोड़ की सांसद निधि खर्च नहीं हुई है।

कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी की भी अमेठी सांसद के रूप में उन्हें उपलब्ध 25 करोड़ की सांसद निधि में से 17.5 करोड़ की सांसद निधि जारी हुई है जिसमें से 0.45 करोड़ की सांसद निधि खर्च नहीं हो सकी। जारी हुई सांसद निधि को जोड़कर 32 प्रतिशत कुल 7.95 करोड़ की सांसद निधि खर्च नहीं हुई है। उन्हें 2017-18 की दूसरी किस्त न जारी होने के कारण ऑडिट रिपोर्ट व एम.पी.आर. प्रमाण प्राप्त न होना लिखा है।

उत्तराखंड के सांसदों की कुल 125 करोड़ की सांसद निधि में 45 करोड़ सांसद निधि जारी नहीं हुई है तथा 14.94 करोड़ की खर्च नहीं हुई है। गढ़वाल सांसद भुवन चन्द्र्र खंडूरी की 72 प्रतिशत, हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक की 32 प्रतिशत, अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा की 67 प्रतिशत, नैनीताल सांसद भगत सिंह कोश्यारी की 27 प्रतिशत तथा टिहरी सांसद माला राजलक्ष्मी की 43 प्रतिशत सांसद निधि खर्च नहीं हो सकी।

श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के विश्लेषण से स्पष्ट है कि देश भर में केवल 3 सांसद ऐेसे है जिनकी शत प्रतिशत सांसद निधि खर्च हुई है जिसमें नागालैंड के नायफियो रिओे, हिमाचल प्रदेश से मण्डी सांसद राम स्वरूप शर्मा तमिलनाडू से चेन्नई वेस्ट सांसद टी.जी. वेंकटेश बाबू शामिल है।

देश में 11 लोकसभा सांसद ऐसे भी है जिनकी सांसद निधि का अभी तक के कार्यकाल में एक प्रतिशत धन भी खर्च नहीं हो सका है तथा 100 प्रतिशत खर्च होने को शेष है। इसमें पंजाब से गुरदासपुर सांसद सुनील कुमार जाखड़, राजस्थान से अलवर सांसद करन सिंह यादव तथा चन्द्र नाथ, उ.प्र. से कैराना सांसद बेगम तबस्सुम हसन, तेलंगाना से वांरगल सांसद श्री हरि कादियान, महाराष्ट्र से भंडारा गोण्डिया सांसद नाना भाऊ, कर्नाटक से बेल्लारी सांसद वेकटरापुरा तथा शिमोगा से बी.वाई राघवेन्द्र बिहार से अररिया सांसद सरफराज आलम, आसाम से लखीमपुर सांसद सरबंदा सोनावाल पश्चिमी बंगाल से बंगांव सांसद कपिल कृष्ण ठाकुर शामिल है।

श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार राज्यवार सबसे कम सांसद निधि शेष रहने तथा सर्वाधिक खर्च वाले राज्यों में प्रथम नागालैंड की केवल 10 प्रतिशत सांसद निधि खर्च होने को शेष है इसके बाद दूसरे स्थान पर मणिपुर की 12 प्रतिशत, तीसरे स्थान पर अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम की 14-14 प्रतिशत, चौथे स्थान पर अण्डमान निकोबार, चण्डीगढ़, हिमाचल प्रदेश की 15-15 प्रतिशत, पांचवें स्थान पर छत्तीसगढ़ की 18 प्रतिशत, छठे स्थान पर मध्यप्रदेश की 20 प्रतिशत, सातवें स्थान पर गुजरात की 21 प्रतिशत, आठवें स्थान पर मेघालय की 22 प्रतिशत, नवें स्थान पर हरियाणा, तमिलनाडु की 23-23 प्रतिशत, दसवें स्थान पर पंजाब की 24 प्रतिशत, ग्यारहवें स्थान पर उ.प्र. के सांसदों की 25 प्रतिशत, बारहवें स्थान पर बिहार, सिक्किम के सांसदों की 28-28 प्रतिशत, तेरहवें स्थान पर पश्चिमी बंगाल के सांसदों की 30 प्रतिशत, चौदहवें स्थान पर असाम के सांसदों की 32 प्रतिशत, पन्द्रहवें स्थान पर उड़ीसा की 33 प्रतिशत, सोलहवें स्थान पर कर्नाटक की 34 प्रतिशत, सत्रहवें स्थान पर दमन एवं दीव झारखंड, केरल, त्रिपुरा के सांसदों की 35-35 प्रतिशत, अठारहवें स्थान पर राजस्थान की 36, उन्नीसवें स्थान पर दादर एवं नागर हवेली, लक्षद्वीप के सांसदों की 38-38 प्रतिशत, बीसवें स्थान पर आंध्र प्रदेश के सांसदों की 39 प्रतिशत, इक्कीसवें स्थान पर महाराष्ट्र व पाण्डिचेरी की 40-40 प्रतिशत, बाइसवें स्थान पर जम्मू कश्मीर की 42, तेइसवें स्थान पर तेलंगाना 43, चौबीसवें स्थान पर दिल्ली 47, पच्चीसवें स्थान पर उत्तराखंड के सांसदों की 48 प्रतिशत, छब्बीसवें स्थान पर गोवा के सांसदों की 51 प्रतिशत सांसद निधि अप्रैल 2019 के प्रारम्भ में खर्च होने को शेष है।

Related Articles

Back to top button
Translate »