UTTARAKHAND

अवैध खनन रोकने को लेकर शासन का नया प्लान : अब नदी से तीन किमी दूर लगेंगे स्टोन क्रशर

सरकार ने की उत्तराखंड स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट, मोबाइल स्टोन क्रशर व स्क्रीनिंग, पल्वराइजर, हॉटमिक्स की अनुज्ञा नीति जारी

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

ये भी लगाई गई हैं शर्तें

  • अनुबंधित खनन पट्टाधारक से ही होगी उपखनिज की आपूर्ति

  •  चाहरदीवारी के भीतर ही स्थापित किए जाएंगे संयंत्र

  •  संयंत्र ऐसा होगा, जो ध्वनि के तय मानकों को करता हो पूरा

  •  संयत्र से धूल न उड़े, इसके लिए पानी के छिड़काव की व्यवस्था

  • पल्वराइजर प्लांट को एक लाख शुल्क

  • पल्वराइजर प्लांट की स्थापना, प्लांट परिसर में खनिज भंडारण के लिए आवेदन शुल्क एक लाख रुपये है। इसमें भी स्टोन क्रशर व स्क्रीनिंग प्लांट के दूरी समेत अन्य मानक लागू होंगे।

देहरादून: उत्तराखंड शासन ने प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के उद्देश्य से नई नीति जारी कर दी है। नई नीति के अनुसार प्रदेश में स्टोन क्रशर व स्क्रीनिंग प्लांट अब नदी किनारे से तीन किलोमीटर दूर स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही जंगल से इन प्लांट की दूरी 100 मीटर निर्धारित की गई है, जबकि धार्मिक स्थलों, स्कूल, शैक्षिणिक संस्थान, अस्पताल, नर्सिग होम और आबादी के लिए दूरी का मानक 300 मीटर रखा गया है।

प्रदेश शासन ने शुक्रवार को उत्तराखंड स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट, मोबाइल स्टोन क्रशर व स्क्रीनिंग, पल्वराइजर, हॉटमिक्स, रेडीमिक्स प्लांट अनुज्ञा नीति-2019 जारी कर दी। इसके साथ ही खनन के भंडारण समेत अन्य मानकों का अनुपालन न करने की दशा में दो लाख रुपये तक के आर्थिक दंड का प्रविधान भी किया गया है। पर्यावरण संरक्षण, अवैध खनन की रोकथाम और प्रदूषणमुक्त वातावरण के मद्देनजर पूर्व में कैबिनेट ने नई स्टोन क्रशर व स्क्रीनिंग प्लांट नीति को मंजूरी दी थी। अब राजभवन की मंजूरी के बाद शासन ने यह नीति जारी कर दी है।

इसके अनुसार जिला स्तर पर गठित समिति की आख्या के बाद ही स्टोन क्रशर-स्क्रीनिंग प्लांट स्थल चयन होगा। फिर अधिकृत परामर्शदाता की प्रमाणित प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। नीति के अनुसार पर्वतीय क्षेत्र में स्टोन क्रशर व स्क्रीनिंग प्लांट की नदी से न्यूनतम दूरी 250 मीटर होगी, शेष दूरी के मानक मैदानी क्षेत्रों की दूरी के मानकों के 50 फीसद होंगे। वहीं साथ ही स्टोन क्रशर व स्क्रीनिंग प्लांट की क्षमता, संचालन और भंडारण क्षमता भी निर्धारित की गई है। स्टोन क्रशर व स्क्रीनिंग प्लांट स्वामी को प्लांट में उपयोग किए जाने वाले खनन के कच्चे माल की आपूर्ति का स्रोत बताना होगा।

 शासन द्वारा इस सम्बन्ध में अनुज्ञा शुल्क की दरें भी हुई तय की गई है।  इस आदेश के अनुसार सौ टन प्रतिघंटे की क्षमता के स्टोन क्रशर के लिए पर्वतीय क्षेत्र में 10 लाख, मैदानी क्षेत्र में 20 लाख रुपये अनुज्ञा शुल्क रखा गया है। वहीं तय क्षमता से अधिक होने पर पहाड़ में एक लाख और मैदानी क्षेत्र में दो लाख रुपये प्रत्येक प्रति घंटा अतिरिक्त देना होगा। स्क्रीनिंग प्लांट को पर्वतीय क्षेत्र में दो लाख व मैदानी क्षेत्र में चार लाख रुपये का शुल्क निर्धारित है। पहाड़ में तय क्षमता से अधिकहोने पर 25 हजार और मैदानी क्षेत्र में एक लाख रुपये प्रति टन घंटा के हिसाब से अतिरिक्त देना होगा। इसी प्रकार मोबाइल स्टोन क्रशर, प्लांट व मोबाइल स्क्रीनिंग प्लांट के लिए 25 हजार से दो लाख तक और हॉटमिक्स, रेडीमिक्स प्लांट के लिए 25 हजार रुपये शुल्क रखा गया है।

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