NH -74 घोटाले पर सीबीआई जांच को लेकर कांग्रेस ने किया जोरदार प्रदर्शन

सीबीआई जांच की मांग को लेकर बेहड़ के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन
आठ जून को सदन में धरना देंगे विपक्ष के विधायक : डा. इंदिरा हृदयेश
कमिश्नर को हटाने पर सरकार के पुतले फूंकेगी कांग्रेस : बेहड़
रुद्रपुर। एनएच- 74 के चौड़ीकरण में मुआवजा वितरण में हुए तीन सौ करोड़ के घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ के नेतृत्व में प्रदर्शन करके कलक्ट्रेट में धरना दिया। धरना स्थल पर नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि आठ जून को सदन में धरना देंगी और मुख्यमंत्री को घोटाले की सीबीआई जांच करानी ही पड़ेगी, साथ ही यह भी बताना पड़ेगा कि एनएच घोटाले की ईमानदारी से जांच कर रहे कमिश्नर डी सेंथिल पांडियन को क्यों हटाया गया? कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लड़ाई कांग्रेस ही जीतेगी।
शुक्रवार को पूर्व मंत्री श्री बेहड़ के नेतृत्व में जिले भर से कांग्रेस कार्यकर्ता जिला पंचायत दफ्तर के निकट स्थित पेट्रोल पंप पर एकत्रित हुए। यहां से कांग्रेसियों ने जुलूस निकाला जो कलक्ट्रेट पहुंच कर धरने में तब्दील हो गया। कांग्रेसियों के हाथ में जीरो टॉलरेंस की आई सरकार, भ्रष्टचार की आई बहार, भाजपा सरकार होश में आओ सीबीआई जांच कराओ, गडकरी का देखो खेल, भ्रष्टचारियों से हो गया मेल, वी वांट सीबीआई, गडकरी सीएम शर्मा करो, सीबीआई जांच करो, सीएम इस्तीफा दो जैसे स्लोगन लिखी तख्तियां थी।
कलक्ट्रेट में नेता प्रतिपक्ष डा. हृदयेश ने कहा कि तिलकराज बेहड़ ने जो चिंगारी जलाई है उसकी आंच सरकार तक जरूर पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि एनएच 74 में नेताओं एवं अफसरों ने सांठगांठ करके कृषि वाली जमीनों को अकृषक दिखा कर दस गुना अधिक मुआवजा दिलाया। कहा कि बेहद शर्मनाक बात है कि एनएच के दोषी पाए जा चुके अधिकारियों को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी को भेजा। वह आठ जून को सदन में एनएच घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर धरने पर बैठेंगी।
डॉ.इंदिरा कहा कि धरना जब तक खत्म नहीं होगा जब तक मुख्यमंत्री सीबीआई जांच का आश्वासन नहीं देते। साथ ही मुख्यमंत्री को यह बताना होगा कि इस प्रकरण की ईमानदारी से जांच कर रहे कमिश्नर डी सेंथिल पांडियन को क्यों हटाया गया। कहा कि भाजपा ने ईवीएम में खेल करके प्रचंड बहुमत जरूर हासिल कर लिया हो, लेकिन काश यह बेईमानी खुल सके तो जनता भी समझ जाएगी कि ईवीएम में किस तरह खेल हुआ है। कहा कि न सिर्फ उत्तराखंड में जीतने वाले हैरान हैं कि उन्हें इतने वोट कहां से मिल गए, बल्कि उत्तर प्रदेश में मायावती, अखिलेश यादव और कांग्रेस भी हैरान है कि भाजपा को प्रचंड बहुमत कहां से मिल गया। कहा कि त्रिवेंद्र रावत ने जब जीरो टॉलरेंस की बात की तो उन्होंने स्वागत किया, लेकिन इसकी पोल तो एनएच घोटाले में ही खुल गई। कहा कि यह घोटाला पांच सौ करोड़ तक का हो सकता है। कहा कि सरकार को सिर मुड़ाते ओले पड़े वाली कहावत का सामना करना पड़ेगा।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता के बीच वाहवाही लूटने में लगे हैं। एनएच घोटाले की कमिश्नर ने जांच की तो मुख्यमंत्री ने पहली ही कैबिनेट में इसकी सीबीआई जांच कराने का फैसला लिया। कहा कि इस फैसले को लेकर भाजपाई रोने लगे, क्योंकि जांच में सीबीआई जांच में मंत्री तक जेल जाएंगे। कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री में ताकत है तो एनएच घोटाले की सीबीआई जांच कराएं। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता निराश न हों। चुनाव परिणाम सिर्फ मोदी की आंधी नहीं, बल्कि ईवीएम की आंधी थी।
बेहड़ नेकहा कि सीबीआई जांच से नितिन गडकरी घबरा रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं एनएच के अफसर उनका नाम न ले दें। कहा कि सरकार बनने के बाद भाजपा नेता विकास कार्यों में अपना कमीशन बढ़ाने के लिए अफसरों से लड़ रहे हैं। कहा कि कार्यकर्ता कमर कस लें। लोकसभा चुनाव में राज्य की पांचों सीटें कांग्रेस ही जीतेगी। उन्होंने सरकार को चेताया कि कांग्रेसी भ्रष्टाचार में लिप्त सरकार को टिकने नहीं देगी।
पूर्व मंत्री बेहड़ ने कहा कि सरकार ने ईमानदार कमिश्नर को हटाकर यह साबित कर दिया है कि ईमानदारी की कोई कद्र नहीं है। कहा कि कमिश्नर को हटाने पर सरकार के पुतले फूंके जाएंगे। उन्होंने नारा दिया कि अब होगी तो सीबीआई होगी। जसपुर के विधायक आदेश चौहान ने कहा कि अफसरों एवं नेताओं ने सांठगांठ करके जनता का पैसा लूटा है। सीबीआई जांच की बात करने वाले सीएम के तेवर अब ठंडे हो चले हैं क्योंकि केंद्र सरकार सीबीआई जांच नहीं चाहती। कमिश्नर को भी जांच प्रभावित करने के उद्देश्य से हटाया गया है।
धरना प्रदर्शन में पूर्व विधायक नारायण पाल, प्रेमानंद महाजन, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, महानगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा, पूर्व चेयरमैन मीना शर्मा, अनिल शर्मा, किच्छा के पालिकाध्यक्ष महेंद्र चावला, जिला पंचायत उपाध्यक्ष संदीप चीमा, हरीश पनेरू, ममता रानी, ममता नारंग, हिमांशु गावा, सुशील गावा, जगतार सिंह बाजवा, पुष्करराज जैन, सीपी शर्मा, हरीश बाबरा, सुरेश पपनेजा, प्रीत ग्रोवर, ललित मिगलानी, मोहन खेड़ा, प्रभात खुराना, रामकुमार गुप्ता, सुमित छाबड़ा, गणेश उपाध्याय आदि मौजूद थे।
धरने के बाद प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सीडीओ आलोक कुमार श्रीवास्तव को सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया कि उत्तराखंड के जिला ऊधम सिंह नगर में खटीमा से लेकर जसपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग 74 का निर्माण चल रहा है। इस मार्ग के निर्माण के लिए जमीन को अधिग्रहण करने का कार्य किया गया है। जमीन अधिग्रहण के भुगतान को लेकर जनपद में अधिकारी, सफेदपोश व भू माफियाओं ने अपनी सक्रियता दिखाई और करोड़ों रुपये का भुगतान हड़पने का खेल कर दिया। जिसकी जांच कुमाऊं मंडल के कमिश्नर के द्वारा की और अब तक की जांच में लगभग 300 करोड़ का घोटाला उजागर हो चुका है और यह हर अखबार एवं न्यूज चैनलों में इसे प्रमुखता से दर्शाया जा रहा है। जांच में अब तक छ: पीसीएस अधिकारी दोषी पाए गए हैं एवं उनके विरुद्ध जिलाधिकारी के आदेश पर एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है। एनएच 74 मार्ग का निर्माण केंद्र सरकार के धन से हो रहा है और केंद्र के धन की जिस तरह बंदरबांट हुई है, सांठ गांठ कर केन्द्र सरकार का पैसा लूटा गया है उससे राजस्व हानि हुई है, उसको देखते हुए उपरोक्त मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जिससे केंद्र का धन हड़पने वाले लोगों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई हो सके। उत्तराखंड जैसे प्रदेश में केन्द्र सरकार के धन की इस तरह बंदरबाट करने में मात्र पीसीएस स्तर के अधिकारी ही शामिल हों, यह मुमकिन नहीं है। जिस तरह इतने बड़े घोटाले की जांच करने के बजाय इस पर परदा डालने की कार्रवाई की जा रही, इसमें केन्द्र सरकार के भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एवं राज्य सरकार की भूमिका सन्देह के घेरे में आ रही है। जनता के हितों को देखते हुए विनम्र अनुरोध है कि कृपया मामले की जांच सीबीआई से कराने का कष्ट करें जिससे दोषी व्यक्ति सामने आए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।