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लोकायुक्त पर सरकार का रोल बैक !

व‌िधान सभा सत्र अन‌िश्चित काल के ल‌िए हुआ स्थग‌ित

सरकार ने दोनों विधेयकों को प्रवर समिति को विचार के लिए भेजा 

देहरादून : विधानसभा में सोमवार को लोकायुक्त और स्थानांतरण विधेयक पेश करने के बाद एक ही दिन में उत्तराखंड को बदल देने की मुद्रा में नजर आ रही भाजपा सरकार मंगलवार को बैकफुट पर नजर आई। बहुमत होने के बावजूद सरकार ने दोनों विधेयकों को प्रवर समिति को विचार के लिए भेज दिया। जिसकी प्रदेशभर में खासी प्रतिक्रिया देखने को मिली।

स्पीकर प्रवर समितियों के सदस्यों के नाम तय करेंगे। प्रवर समितियां एक महीने के भीतर विधेयकों की समीक्षा कर अपने सुझाव देंगी, जिनके आधार पर सरकार दोनों विधेयकों को अगले सत्र में सदन में लाएगी। इसके साथ ही सत्र को अन‌िश्च‌ितकाल के ल‌िए स्थग‌ित कर द‌िया गया है।

मंगलवार को सदन में राज्यपाल का अभिभाषण और उत्तराखंड विनियोग (लेखानुदान) विधेयक पास हो गया। विधेयक के तहत 16048.74 करोड़ रुपये के लेखानुदान को मंजूरी मिल गई। इसके अलावा तीन संशोधित और एक संशोधन रहित विधेयक को भी सरकार ने सरलता से पारित करा दिया। विपक्षी विधायक ममता राकेश को जान से मारने की धमकी का मुद्दा भी सदन में गरमाया रहा। नेता सदन त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ममता राकेश को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का सदन में एलान किया।

संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने सदन में पहले उत्तराखंड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण विधेयक, 2017 पेश किया। उन्होंने विधेयक के समर्थन में सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी प्रशासन सरकार का संकल्प है, जिसके क्रम में स्थानांतरण विधेयक लाया जा रहा है।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने सरकार को सुझाव दिया कि वह सोच-विचार करके विधेयक सदन में लाए। इसमें सेवानिवृृत्त के दौरान कर्मचारियों को अपने ही जनपद में सेवा तैनाती देने का प्रावधान नहीं है। पति-पत्नी की सेवाओं के जो 10 विकल्प दिए गए हैं, वे भी व्यावहारिक नहीं दिखते।

उनका सुझाव था कि 50 वर्ष की आयु की महिलाकर्मी का स्थानांतरण नहीं होना चाहिए। उन्होंने विधेयक में संशोधन की आवश्यकता जताते हुए इसे प्रवर समिति को सौंपने की वकालत की। विपक्षी सदस्य गोविंद सिंह कुंजवाल, प्रीतम सिंह व काजी निजामुद्दीन ने नेता प्रतिपक्ष के प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद कुछ देर सोच-विचार के बाद संसदीय कार्यमंत्री ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की जानकारी दी, जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।

इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, 2017 को भी सदन में पेश किया। मगर, विपक्ष द्वारा इसे प्रवर समिति को भेजे जाने के प्रस्ताव को वापस लेने के बावजूद सरकार ने इसे प्रवर समिति को भेज दिया। सरकार के इस रुख से विपक्ष भी सकते में था, क्योंकि विपक्ष ने लोकायुक्त विधेयक का समर्थन कर दिया था।

निजी विवि के संशोधित विधेयक हुए पास
विधानसभा के पटल पर आए क्वांटम विवि विधेयक, 2016 और गुरु राम राय विवि विधेयक, 2016 को संशोधन के साथ पारित कर दिया गया। ये विधेयक 18 नवंबर 2016 को पारित हुए थे। लेकिन राज्यपाल ने इनमें संशोधन के संदेश के साथ लौटा दिया था। सदन में उत्तराखंड निक्षेपक (जमाकर्ता) हित संरक्षण (वित्तीय अष्ठिानों में) संशोधन, विधेयक 2016 को बगैर संशोधन के पारित किया गया।

विधायक ममता राकेश व फुरकान को मिली धमकी पर चर्चा 
भगवानपुर की विधायक ममता राकेश ने स्पीकर से गुहार लगाई कि वह भयभीत हैं क्योंकि 28 अप्रैल आने वाली है। उन्होंने बताया कि एक गुमनाम पत्र में उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने और उनके घर को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। पत्र में पिरान कलियर के विधायक फुरकान अहमद को धमकी मिली है। नेता सदन त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ममता राकेश को वाई श्रेणी की सुरक्षा का एलान किया। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में डीजीपी को निर्देश देंगे।

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