हाईकोर्ट का आदेश पर उत्तराखंड में चार महीने के लिए लगी खनन पर रोक
नैनीताल : उत्तराखंड में अगले चार महीनों तक खनन पूरी तरह से बंद रहेगा। नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश में खनन पर चार माह तक पूर्णतया रोक लगा दी है। न्यायालय ने रिपोर्ट के आने तक नदियों के मुहानों, जंगल क्षेत्र, प्रवाह और धाराओं से किसी भी प्रकार के खनन पर रोक लगा दी है।
मंगलवार को न्यायालय ने डीजी, फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट देहरादून, निदेशक वाडिया इंस्टिट्यूट देहरादून और महानिदेशक जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया देहरादून समेत कुल तीन सदस्यीय समिति बनाकर खनन जारी रखने या राज्य में इसे रोकने को लेकर जांच रिपोर्ट चार माह में न्यायालय में पेश करने को कहा है।
हाईकोर्ट ने उत्तराखंड की नदियों में चल रहे खनन पर तत्काल प्रभाव से पूरी रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की खंडठपी की ओर से जारी आदेश में यह रोक चार माह तक लागू रखने के लिए कहा गया है। इसके अलावा प्रदेश की खनन नीति तय करने के लिए हाईकोर्ट ने हाईपॉवर कमेटी भी गठित कर दी है। यह कमेटी चार माह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इसके बाद खनन को लेकर अगला आदेश जारी किया जाएगा।
बागेश्वर के गरवा सिरमौली भारखंडे में अवैध खनन के खिलाफ नवीन चंद्र पंत और मनोज पंत ने जनहित याचिका दाखिल की थी। इसमें खनन पट्टे की आड़ में अवैध खनन और वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण की जानकारी दी गई। इससे गांव की पेयजल योजनाओं और पैदल रास्तों को नुकसान के साथ ही बाढ़ के खतरे की आशंका भी जताई गई थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 17 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा था। अदालत ने मंगलवार को इस गांव समेत पूरे प्रदेश में खनन पर रोक लगा दी है।