सूबे के कर्मचारियों को सातवां वेतन देने की सरकार ने की व्यवस्था
देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने पांच लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को सातवें वेतन के रूप में नए साल का तोहफा देने का इंतजाम कर लिया है। वेतन समिति की संस्तुतियों को स्वीकार कर सरकार ने इसका संकल्प पत्र भी जारी कर दिया। राज्य कर्मचारियों को एक जुलाई 2016 से दो फीसदी की दर से महंगाई भत्ता और पेंशनरों को पेंशन, महंगाई राहत केंद्र के पेंशनरों के समान देय होगा। सरकार ने यह संकल्प चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर लिया है।अब इस संकल्प के साथ ही सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का आदेश आचार संहिता के दायरे से बाहर हो गया है।
सरकार ने वेतन समिति के प्रथम प्रतिवेदन भाग एक में सरकार सेवकों, राजकीय शिक्षकों, सहायता प्राप्त शिक्षण, प्राविधिक शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, सहायतित व स्वायत्तशासी संस्थाओं, सार्वजनिक निगमों, उपक्रमों, स्थानीय निकायों, जिला पंचायतों, राजकीय पेंशनरों एवं पारिवारिक पेंशनरों के संबंध में की गई संस्तुतियों को स्वीकार लिया है।
कर्मचारियों के एक जनवरी 2016 के पूर्व वेतनमानों में देय महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल किए जाने से एक जनवरी 2016 से 30 जून 2016 तक कोई महंगाई भत्ता देय नहीं होगा। राजकीय एवं सहायता प्राप्त शिक्षण, प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के कर्मियों को यदि पहले से ही राज्य कर्मचारियों के समान वेतनमान दिया जा रहा है तो उन्हें पुनरीक्षित वेतन संरचना का लाभ दिया जाएगा।
जूनियर रेजिडेंट, सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों के संबंध में, कार्यप्रभारित कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षित किए जाने, सहायतित व स्वायत्तशासी संस्थाओं, सार्वजनिक निगम, उपक्रमों, स्थानीय निकायों व जिला पंचायतों आदि के संबंध में समिति की संस्तुतियों को स्वीकार लिया गया है।
पुनरीक्षित वेतन संरचना न्यायिक सेवा के अधिकारी, स्नातक, स्नातकोत्तर महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, विभिन्न इंजीनियरिंग कालेजों, कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षक, कार्य प्रभारित कार्मिक, स्वशासी संस्थाओं के कार्मिक, जूनियर डाक्टर्स के लिए लागू नहीं होगी। संकल्प पत्र में यह भी कहा गया है कि पुनरीक्षित वेतन संरचना की स्वीकृति के सामान्य आदेश, वेतन निर्धारण, महंगाई भत्ते एवं अवशेष वेतन के भुगतान के संबंध में अलग से आदेश जारी किए जाएंगे।