Uttarakhand

हुड़के थाली की थाप पर देवी-देवताओं का किया जाता है आह्वान

Gods and Goddesses are invoked on the beat of Hudke Thali

मसूरी से वरिष्ठ संवाददाता सतीश कुमार की रिपोर्ट : भारत को विविधताओं का देश यूं ही नहीं किया जाता है अपनी बोली भाषा संस्कृति और सभ्यता के दिए भारत की विश्व में अलग पहचान है ।

वही बात करें उत्तराखंड की तो भले ही आज पहाड़ पलायन का दंश झेल रहा हो लेकिन आज भी प्रवासी उत्तराखंडी अपने देवी-देवताओं के सम्मान में कोई कमी नहीं छोड़ते हैं और आज भी गांव से पुजारी आकर रात भर जागर करते हैं और देवी देवताओं का आह्वान करते हैं और देवी देवता भी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं।

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यूं ही उत्तराखंड को देवभूमि नहीं कहा जाता है यहां पर देवी देवताओं का वास है और वह आज भी यहां से मीलों दूर रह रहे अपने भक्तों के साथ हर पल उनकी रक्षा के लिए सदैव खड़े रहते हैं ।

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ऐसे ही एक कार्यक्रम में आज हमारे संवाददाता को जाने का अवसर प्राप्त हुआ जहां पर उन्होंने साक्षात देवी देवताओं के दर्शन किए साथ ही गढ़वाल क्षेत्र से आए जागरी (पुजारी) से खास बातचीत की।

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गढ़वाल से आए जागरी नरेश पुजारी ने बताया कि दूर-दूर से लोग उन्हें बुलाते हैं और अपने देवी-देवताओं का आह्वान कराते हैं उन्होंने कहा कि जहां भी वे जाते हैं उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया जाता है और आज हमारी परंपरा और संस्कृति को बचाने के लिए सरकार को भी आगे आना चाहिए ताकि पहाड़ की संस्कृति को बचाया जा सके.

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उन्होंने कहा कि वह मुंबई देहरादून जोशीमठ पौडी दिल्ली आदि क्षेत्रों में जाते रहते हैं और प्रवासी उत्तराखंडी अपने यहां की संस्कृति और सभ्यता के प्रति बहुत जागरूक हैं। वह जहां भी जाते हैं, उन्हें सुनने के लिए सैकड़ों लोग मौजूद रहते हैं  जहां भी देवी देवताओं का अमान करते हैं। वही वहां मौजूद लोग जमकर आनंद लेते हैं और नृत्य करते हैं।

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