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देश के पहले CDS का ताज़ उत्तराखंड के नाम, जनरल बिपिन रावत संभालेंगे तीनों सेनाओं की कमान

मोदी कैबिनेट की चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद को मंजूरी

4 स्टार रैंक के बराबर है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दी जनरल बिपिन रावत को बधाई

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

सीडीएस का दायित्व सौंपा जाना उत्तराखण्ड का सम्मान

देहरादून : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने थलसेना अध्यक्ष एवं चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी (सीओएससी) के अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस (सी.डी.एस) नियुक्त किये जाने पर बधाई दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल रावत को सी.डी.एस का दायित्व सौंपा जाना उत्तराखण्ड का भी सम्मान है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सैन्य परंपरा पर गर्व है। जनरल रावत के सी.डी.एस बनने से हमारी यह गौरवमय परंपरा भी सम्मानित हुई है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा की दृष्टि से प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रहित से जुड़े इस अति महत्वपूर्ण पद की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा कि सी.डी.एस से तीनों सेनाओं के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित होगा तथा देश की सुरक्षा व्यवस्था भी और अधिक मजबूत होगी।

नई दिल्ली :  उत्तराखंड से देश के सेना प्रमुख पद तक पहुंचे जनरल बिपिन रावत को तीनों सेनाओं का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाया गया है। बिपिन रावत का कार्यकाल इस पद पर तीन साल के लिए होगा और वह इस पद पर 65 साल की उम्र तक बने रहेंगे। बिपिन रावत 31 दिसंबर यानी मंगलवार को थल सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने वाले हैं। उनके स्थान पर मनोज मुकुंद नरवाणे नए सेनाध्यक्ष का पद संभालेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनरल बिपिन रावत को बधाई देते हुए इसे जनरल बिपिन रावत के लम्बे सैन्य अनुभव को तवज्जो और उत्तराखंड का सम्मान बताया है।  

गौरतलब हो कि कुछ ही दिन पूर्व केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्यकाल 3 साल के लिए और बढ़ा दिया था और चीफ ऑफ डिफेंस के रिटायर होने की उम्र 65 वर्ष रखी गयी। इससे पहले सेवानिवृत होने की उम्र 62 साल थी।

उल्लेखनीय है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को लेकर पिछली सरकारें बीते 19 साल से सीडीएस के गठन पर संकोच  करती आ रही थी। साल 2012 में गठित नरेश चंद्र समिति ने बीच का रास्ता निकालते हुए चीफ ऑफ स्टाफ समिति (सीओएससी) के स्थायी अध्यक्ष की सिफारिश की थी। वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत सीओएससी के अध्यक्ष की नियुक्ति की जाती है मगर इसके परिणाम आशा के अनुसार नहीं रहे हैं। सेना में सुधार के लिए गठित डीबी शेतकर समिति ने दिसंबर 2016 में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। जिसमें 99 सिफारिशों सहित सीडीएस की नियुक्ति के मुद्दे को उठाया गया था।

वहीं इधर तीनों सेनाओं में समन्वय बनाये जाने और युद्ध के दौरान तीनों सेनाओं के आपसी तालमेल को लेकर सीडीएस के गठन की मांग की जा रही थी। वहीं रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति ने भी कारगिल समीक्षा समिति की सिफारिश को मजबूती से उठाया था लेकिन तत्कालीन केन्द्र सरकारें सीडीएस के गठन से परहेज करती रही और यह निर्णय लगभग 19 साल तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। सीडीएस की जिम्मेदारी तीनों सेनाओं से जुड़े मामलों में रक्षामंत्री को सलाह देना है। सीडीएस ही रक्षामंत्री का प्रधान सैन्य सलाहकार होगा। हालांकि सैन्य सेवाओं से जुड़े विशेष मामलों में तीनों सेनाओं के चीफ पहले की तरह रक्षामंत्री को सलाह देते रहेंगे। वहीं चीफ ऑफ डिफेंस को अधिकार दिया गया है कि वे बिना रक्षा सचिव की मंजूरी के रक्षा मंत्री से सीधे मुलाकात कर सकेंगे।

डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने जनरल विपिन रावत के देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नामित होने पर हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि …व्यक्तिगत रूप में मेरे लिए यह अत्यंत गर्व और हर्ष का विषय है की जनरल रावत ने वीर भूमि उत्तराखंड की उच्च शौर्य परम्पराओं को आगे बढ़ाते हुए सफलता के नए आयाम स्थापित किये हैं। राष्ट्र सेवा के इस अत्यंत महत्वपूर्ण दायित्व के लिए बहुत बहुत शुभकामनाए ।

साल 2012 में गठित नरेश चंद्र समिति ने बीच का रास्ता निकालते हुए चीफ ऑफ स्टाफ समिति (सीओएससी) के स्थायी अध्यक्ष की सिफारिश की थी। वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत सीओएससी के अध्यक्ष की नियुक्ति की जाती है मगर इसके परिणाम आशा के अनुसार नहीं रहे हैं। सेना में सुधार के लिए गठित डीबी शेतकर समिति ने दिसंबर 2016 में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। जिसमें 99 सिफारिशों सहित सीडीएस की नियुक्ति के मुद्दे को उठाया गया था।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर 4 स्टार जनरल रैंक के सैन्य अधिकारी को नियुक्त किया गया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को तीनों सेनाओं के प्रमुखों के बराबर सैलरी दी जाएगी। सीडीएस की नियुक्ति के बाद भी तीनों सेना प्रमुख विशेष मामलों को लेकर रक्षा मंत्री को सलाह देते रहेंगे। सीडीएस को किसी कमांड के लिए कोई भूमिका नहीं निभानी होगी। सीडीएस रक्षा संपदा परिषद और रक्षा प्लानिंग कमेटी के सदस्य होंगे। वह ऑपरेशन, ट्रेनिंग, कम्युनिकेशन और मेंटिनेंस जैसी अन्य बातों के लिए तीनों सेनाओं के एकीकरण पर काम करेंगे। सीडीएस परमाणु कमांड अथॉरिटी (एनसीए) का भी सैन्य सलाहकार होगा। साइबर और अंतरिक्ष से संबंधित तीनों सेनाओं की एजेंसियां, संगठन और कमान भी उसके अधीन काम करेंगे।

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