Uttarakhand

गैरसैंण कोई नारा नहीं बल्कि हिमालय राज्य के विकास की अवधारणा का एक नक्शा : हरीश रावत

आंदोलनकारियों की गैरसैंण मुहीम को लगे पंख 

प्रस्ताव पारित होने के बाद अब अगला  बजट सत्र भी गैरसैंण में होगा 

गैरसैंण के विकास के  लिए केंद्र से मांगे 1000 करोड़

देहरादून :  मुख्यमंत्री हरीश रावत को भले ही गैरसैण में आहूत विशनसभा सत्र के दौरान विपक्ष भाजपा का साथ नहीं मिला लेकिन राज्यके लिए अपने प्राण बलिदान करने वाले शहीदों की उम्मीदों को उन्होंने जरूर मुकाम तक पहुँचाने का काम किया है।  राजनीतिक रूप से स्थायी राजधानी का मुद्दा भले ही अब गैरसैण से कुछ ही दूरी  पर रह गया है लेकिन मुख्यमंत्री हरीश रावत की इच्छा शक्ति से यह मुकाम भी हासिल हो जायेगा ऐसा राज्य आंदोलनकारियों व शहीदों के परिवरीं का मानना है।   

 विधानसभा का दो दिवसीय सत्र शुक्रवार को भराड़ीसैंण की नवनिर्मित विधानसभा में आगामी बजट सत्र के संकल्प के साथ अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा पेश यह संकल्प प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुआ। प्रस्ताव के तहत गैरसैंण के अवस्थापना विकास के लिए केंद्र सरकार से 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की मांग की गई। इससे पहले मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को सड़क नेटवर्क से जोड़ने के लिए गैरसैंण सड़क निर्माण निगम बनाने की घोषणा की। इस प्रोजेक्ट के तहत गैरसैंण को सात अहम सड़कों से जोड़ा जाएगा।

शुक्रवार को शुरू हुई सदन की कार्यवाही के दौरान सरकार ने 1507 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट समेत 20 विधेयकों को मंजूरी दी। सदन में 21 विधेयक आए थे, जिनमें से एक विधेयक वापस हुआ। मुख्यमंत्री ने सदन में तीन संकल्प पेश किए। पहले संकल्प प्रस्ताव में उन्होंने कहा कि सरकार 2017-18 का बजट सत्र भराड़ीसैंण में करेगी।

प्रस्ताव के जरिए उन्होंने राजधानी को लेकर उठ रहे सवाल का परोक्ष रूप से जवाब देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कई ऐसे मामले हैं, जिन पर एक राय से सोचने की आवश्यकता है। राज्य गठन के समय लोगों में भावनात्मक ज्वार था। उस वक्त कहीं भी राजधानी बना लेते, जिसे लोग स्वीकार लेते। लेकिन आज भावनाओं की जगह राजनीतिक यथार्थ उभर आया है। बहुत आवश्यक है कि ऐसे समय में सधे हुए तरीके से आगे बढ़ा जाए। 2014 से सरकार ने प्रयास किया। लोगों ने इसे नौटंकी कहा। लेकिन भराड़ीसैंण की अवस्थापना इस बात का प्रमाण है कि हम सुनियोजित नगर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं।

सीएम ने कहा कि गैरसैंण कोई नारा नहीं है, अपितु हिमालय राज्य के विकास की अवधारणा का एक नक्शा है। लेकिन राज्य के संसाधन काफी नहीं हैं। गैरसैंण समग्र विकास का मॉडल बन सके। इसके लिए केंद्र सरकार हैदराबाद की तर्ज पर गैरसैंण की अवस्थापना विकास को 1000 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराए। संकल्प प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुआ।

सदन में पर्वतीय क्षेत्रों के कृषि औद्यनिक उत्पाद एवं प्रसंस्करण उद्योगों को विकसित करने के संबंध में मुख्यमंत्री का एक और संकल्प प्रस्ताव सदन में सर्वसम्मिति से पारित हुआ। सदन ने सीएम के विद्यालयी शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के सुधार विस्तार के लिए नीतियों एवं कार्यक्रमों को लागू करने के भी एक संकल्प प्रस्ताव को मंजूरी दी। संसदीय कार्यमंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश ने सत्र को अनिश्चितकाल तक स्थगित रखने का प्रस्ताव किया।

devbhoomimedia

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