हाई कोर्ट के आपदा प्रभावितों को 50 प्रतिशत और मुआवजा देने के सरकार को निर्देश
अजेंद्र अजय , प्रकाश पंत और अजय गौतम की ओर से दाखिल जनहित याचिकाओं पर निर्देश :-
मानव कंकालों की खोज को विशेष टीम गठित करने का निर्देश
आपदा प्रभावित नाबालिगों को हर माह 7500 रुपये देने के निर्देश
ग्लेशियर संरक्षण पर फिर किया निर्देशित

कोर्ट ने केदारनाथ में मानव कंकालों की खोज के लिए पांच विशेष टीमों के गठन का निर्देश दिया। इन टीमों के मुखिया वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के पद से नीचे वाले अधिकारी नहीं होंगे। इन टीमों में एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, पुलिस बल और अर्द्ध सैनिक बलों से सदस्य लिए जाएंगे।
कोर्ट ने प्रदेश सरकार को अनियोजित विकास को रोकने के लिए चार धाम यात्रा मार्ग के महत्वपूर्ण शहर और कस्बों का छह माह के अंदर मास्टर प्लान तैयार करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार तीर्थयात्रियों की यात्रा को व्यवस्थित और नियंत्रित करने के लिए नियम बनाए। यात्रियों का बायोमेट्रिक डाटा रखा जाए। हेमकुं ड साहिब सहित अन्य धामों के यात्रा मार्ग पर यह भी सुनिश्चित किया जाए कि नदी में सीवेज न जाए।
कोर्ट ने देवप्रयाग, सोनप्रयाग, ऋषिकेश, बद्रीनाथ, रुद्रप्रयाग, गोपेश्वर और रुद्रपुर में ठोस कचरा निस्तारण की व्यवस्था छह माह में करने का निर्देश दिया और कहा कि ऐसा न होने पर संबंधित जिलाधिकारियों को कोर्ट के आदेश की अवमानना करने की कार्यवाही झेलनी होगी।
कोर्ट ने चार धाम के सभी मार्गों के डामरीकरण, इनके रखरखाव हेतु आधुनिक मशीनों की तैनाती, प्रत्येक दस किलोमीटर पर धर्मशाला तथा आपात स्थिति के उपयोग के लिए खाद्य व राहत सामग्री के स्टोर निर्मित करने, उनमें समुचित सामग्री रखने, बीएसएनएल को आपदा के दौरान संचार सेवाएं तुरंत बहाल रखने की तैयारी रखने तथा गोविंदघाट और हेमकुंड धाम के बीच मठों के निर्माण के भी निर्देश दिए।
कोर्ट ने फूलों की घाटी को प्लास्टिक फ्री जोन घोषित करते हुए वहां केवल पानी की बोतलें ले जाने की छूट दी है जो कि वापसी के दौरान प्रबंधन के पास जमा करानी होंगी। यहां फूलों या वनस्पति को नुकसान पहुंचाने पर दस हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान करने का आदेश दिया।