शुक्रवार को खुलेंगे गंगोत्री तथा यमुनोत्री धामों के कपाट
देहरादून। गंगोत्रीधाम के कपाट 28 अप्रैल को श्रद्घालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इससे पूर्व गुरूवार को मांग गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा से मां गंगा की डोली गंगोत्रीधाम के लिए रवाना हुई। काफी संख्या में श्रद्घालुगणों के गंगोत्रीधाम में जुटने की खबर है।
विश्व प्रसिद्व गंगोत्रीधाम के कपाट शुक्रवार को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे। कपाट खुलने का मुहूर्त दोपहर बारह बजकर पंद्रह मिनट तय किया गया है। कपाट खुलने से पूर्व गुरूवार को मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा से दोपहर एक बजे मां गंगा की डोली गंगोत्रीधाम के लिए रवाना हुई। यहां रात भैरवघाटी में मां गंगा की शोभायात्रा विश्राम करेगी।
मां गंगा की शोभायात्रा के ऐतिहासिक पलों का साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में लोगों का मुखबा पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम के पूर्वज रघुकुल के चक्रवर्ती राजा भगीरथ ने यहां एक पवित्र शिलाखंड पर बैठकर भगवान शंकर की प्रचंड तपस्या की थी। इस पवित्र शिलाखंड के निकट ही 18वीं शताब्दी में गंगोत्री मंदिर का निर्माण किया गया।
ऐसी मान्यता है कि देवी भागीरथी ने इसी स्थान पर धरती का स्पर्श किया था। ऐसी भी मान्यता है कि पांडवों ने भी महाभारत के युद्घ में मारे गए अपने परिजनो की आत्मिक शांति के निमित इसी स्थान पर आकर एक महान देव यज्ञ का अनुष्ठान किया था। यह पवित्र एवं उत्ष्ठ मंदिर सफेद ग्रेनाइट के चमकदार 20 फीट ऊंचे पत्थरों से निर्मित है। दर्शक मंदिर की भव्यता एवं शुचिता देखकर सम्मोहित हुए बिना नहीं रहते।