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G-20 सरकारों ने की वादा खिलाफ़ी, बदस्तूर जारी है जीवाश्म ईंधन का वित्तपोषण
एक ताजा अध्ययन के मुताबिक G-20 में शामिल सरकारें अब भी हर साल तेल, गैस और कोयले पर आधे ट्रिलियन से ज्यादा धन कर रहीं हैं खर्च
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
आखिर क्या है जीवाश्म ईंधन ?
प्राकृतिक गैस ,कोयला ,पेट्रोलियम, जीवाश्म ईंधन है। पृथ्वी के अंदर करोड़ो वर्षों तक मृत पेड़ पौधों और जानवरो का मिटटी , बालू एवं चट्टान की के बीच दबे रहने के फलसरूप जो पदार्थ बनते है उन्हें जीवाश्म कहते है और इनसे मिलने वाले ईधन को जीवाश्म ईंधन कहते है। रेडियो कार्बन डेटिंग तकनीक द्वारा जीवाश्म की आयु का आकलन किया जाता है।जीवाश्म को अंग्रेजी में फ़ॉसिल कहते हैं। इस शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द “फ़ॉसिलस” से है, जिसका अर्थ “खोदकर प्राप्त की गई वस्तु” होता है। जीवाश्म ईधन ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत हैं जो कि सीमित हैं। इसके ज्वलन से कार्बन, नाइट्रोजन और सल्फर के ऑक्साइड्स उत्पन्न होते हैं जो स्वस्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।और ये हमारे पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव डालते है।