चार वर्ष बाद ऊखीमठ आपदा पीड़ितों को आज भी मुआवजे का इंतजार
रुद्रप्रयाग : 14 सितंबर वर्ष 2012 को ऊखीमठ में मध्य रात्रि को दैवीय आपदा ने ऊखीमठ में भारी तबाही मचा दी थी। यहां पर 63 लोगों की जान चली गई थी, जबकि दो सौ से अधिक घर इसमें समा गए थे। यही आपदा के पीड़ित पिछले चार साल से सरकार से राहत राशि को लेकर गुहार लगा रहे हैं। भवन निर्माण व मृतक परिवारों को दी गई राहत राशि से आपदा प्रभावित ये लोग संतुष्ट नहीं है। वहीं केदारनाथ आपदा पीड़ितों की तर्ज पर उन्हें भी मुआवजा देने की मांग सरकार से कर रहे हैं।
गौरतलब हो कि 14 सितंबर वर्ष 2012 को ऊखीमठ में मध्य रात्रि को दैवीय आपदा ने ऊखीमठ नगर पंचायत के आस पास के चुंगी, मंगोली, ब्रहृामण खोली, किमाणा गांव में भारी तबाही मचा दी थी। यहां पर 63 लोगों की जान चली गई थी, जबकि दो सौ से अधिक घर इसमें समा गए थे।
हालांकि सरकार ने आपदा पीड़ितों को भवन निर्माण हेतु अहेतुक राशि के साथ ही कुल तीन लाख रूपए दिए। जबिक मृतक परिवारों के आश्रितों को भी कुल तीन लाख रूपए मुआवजा दिया, जबकि ठीक एक वर्ष बाद केदारनाथ में घटित त्रासदी में बेघर परिवारों को सात लाख रूपए तथा मृतक परिवार के आश्रितों को पांच लाख रूपए मुआवजा दिया गया। आपदा पीड़ित सरकार के इस दोहरे रूख से नाखुश हैं।
यही कारण है कि पिछले चार वर्षो से वह सरकार से मुआवजा राशि केदारनाथ आपदा पडि़तों की तर्ज पर देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन आज तक राशि नहीं दी गई। हालांकि एक वर्ष पूर्व सीएम हरीश रावत ने ऊखीमठ में आयोजित एक कार्यक्रम में पीडि़तों को एक-एक लाख रूपया मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक यह धनराशि भी पीड़ितों को नहीं मिल पाई है।