पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग-यूकेएसएसएससी बनाने की मंशा सही नहीं थी। ऐसी संस्थाओं की जरूरत नहीं है जो राज्य की साख को गिराने का काम करें। यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षाओं में घपले ही घपले सामने आ रहे हैं।
एसटीएफ अब तक परीक्षाओं में घपले के आरोप में आयोग के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व प्रमुख वन संरक्षक डा. आरबीएस रावत, पूर्व सचिव मनोहर कन्याल, परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार कर चुकी है, वहीं पूर्व सचिव संतोष बड़ोनी को संस्पेड़ किया जा चुका है। अभी तक एसटीएफ 44 से ज्यादा गिरफ्तारियां इस मामले में हो चुकी हैं।
मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ट्वीट कर फिर यूकेएसएसएससी के गठन पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। कहा कि इस आयोग के बनाने के पीछे की नीयत ही खराब थी, इसलिए ऐसी संस्थाओं को भंग कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छे ईमानदार, चरित्रवान लोग और राज्य के प्रति जिनका समपर्ण हो, ऐसे लोग यदि किसी संस्था में जाएंगे तो ही वो संस्था ठीक चल सकती है। ऐसी संस्थाओं की कोई आवश्यकता नहीं जो राज्य की साख गिराने और व प्रतिष्ठा को समाप्त करने का काम करें। विदित है पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार में वर्ष 2014 में समूह ग की भर्तियों के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन हुआ था। आयोग की पहली भर्ती परीक्षा विवादों में आ गई थी। इसके बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इस आयोग के लिए अलग से बिल्डिंग बनवाई थी।