देवभूमि मीडिया ब्योरो। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुमाऊँ के कद्दावर नेता पूर्व प्रदेश महामंत्री को मनाया। उन्होंने 29 जनवरी को आना था हल्द्वानी। No फ्लाई ज़ोन में सभी एयर मूवमेंट बंद होने के कारण 30 जनवरी को प्रोग्राम बनाया।
मौसम गड़बड़ी के चलते 4 घंटे देहरादून हैलीपैड पर प्रतीक्षा करते रहे। फिर भीमताल लैंडिंग करके हल्द्वानी पहुंचे।
टिकट ना मिलने से रूठो को मानने का सिलसिला जारी है कालाढुंगी सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता गजराज बिष्ट ने पार्टी के लिए बड़ी चुनौती पेश कर दी थी। उन्होंने निर्दलीय नामांकन भी कर दिया था। इससे भाजपा के वरिष्ठ नेता बंसीधर भगत को बड़ा नुकसान होने का अंदेशा था।
गजराज जी के आवास पर 100 से अधिक कार्यकर्ताओं की भीड़ बहुत जोश और रोष दोनों में थी। कुछ स्थानीय मीडिया भी थी। लगभग 2 घंटे गजराज बिष्ट एवं उनके परिजनों , प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ अलग अलग बातचीत करके उन सभी का दुःख दर्द बांटा, सुना। अंत में गजराज ने चुनाव से नामांकन वापसी हेतु सहमति दी।
उसके बाद भी युवा कार्यकर्ता पूरी तरह शांत नहीं थे। वो गजराज को चुनाव लड़ाने के ही पक्ष में थे। रात्रि में गजराज को त्रिवेंद्र रावत साथ ही होटल में ले आये थे। सुबह उनका मनस्थिति को ठीक कर त्रिवेंद्र रावत भीमताल हेलिपैड को निकल पड़े।
शाम होते ही इस बगावत का अंत हो गया। गजराज ने बाहर आकर मीडिया के सामने अपनी नाराजगी दूर हो जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इन दिनों जिस तरह से कालाढ़ूंगी की जनता उनके पीछे आ खड़ी हुई थी, कालाढूंगी के लोगों के इस अहसान को वे कभी नहीं भूलेंगे।
गजराज अपना पर्चा वापस लेंगे और इसके बाद बंशीधर भगत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका चुनाव प्रचार करेंगें।