Uttarakhand

राज्य निर्माण के बाद सड़क से गैरसैंण पहुंचने वाले पहले मुख्यमंत्री बने त्रिवेन्द्र

  •  सीएम ,मंत्रिमण्डल के सदस्यों, विधायकों व अधिकारियों  के साथ सड़क मार्ग से पहुंचे गैरसैंण 
देहरादून / श्रीनगर : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ऐसे पहले मुख्यमंत्री में शुमार हो गए हैं जो राज्य निर्माण के 17 वर्ष बाद अपने मंत्रिमण्डल के सदस्यों, विधायकों व अधिकारियों  के साथ सड़क मार्ग से गैरसेण पहुंचे हैं।  इससे पहले के सभी मुख्यमंत्री गैरसैण पहुँचने के लिए हेलीकाप्टर का सहारा लेने के कारण चर्चाओं में रहे हैं।  राज्य बनने के बाद सबसे ज्यादा हेलीकाप्टर की सवारी करने को लेकर भुवन चंद्र खंडूरी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत के नाम रिकॉर्ड रहा है। सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने  इस दौरान ऋषिकेश से आगे निर्माणाधीन आॅल वेदर रोड के कार्यो का स्थलीय निरीक्षण के साथ -साथ जनता से सीधा संवाद भी किया। मुख्यमंत्री की इस यात्रा के दौरान यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले कस्बों में क्षेत्र के लोगों ने विभिन्न स्थानों पर जोरदार स्वागत किया। 
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द ने ऋषिकेश से कीर्तिनगर तक आॅल वेदर रोड के विभिन्न संवेदनशील स्थलों, जिनमें नीरगढ़, साकणीधार, मूल्यागांव के निरीक्षण के दौरान के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम किये जाए ताकि सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके। उन्होने आॅल वेदर के रोड के कार्यो पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इसके बन जाने से यात्रियों को आवागमन में जहाॅ सुविधा होगी, वहीं पर्यटकों की संख्या में भी बढोतरी होगी जिससे इस क्षेत्र के लोगों को पर्यटन के माध्यम से रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे, वही स्थानीय उत्पादों के व्यवसायीकरण की सुविधा भी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के सीमान्त क्षेत्रों को जोडने के लिए भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत 13 हजार करोड़ की लागत से सड़कों का निर्माण किया जायेगा जिससे सीमान्त क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के अलावा हमारे सैनिकों को भी आवागमन की सुविधा मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने श्रीनगर पहुँचने पर श्रीनगर और चौरास को जोड़ने वाले  3637.43 लाख की लागत से निर्मित हुए  चौरास सेतु का लोकार्पण एवं श्रीनगर व चौरास पुल को जोड़ने के लिए देवप्रयाग विधानसभा के अन्तर्गत चौरास में 9 करोड 41 लाख 36 हजार की लागत से दो किमी0 सड़क का शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मोटर मार्ग के बन जाने से गढवाल विश्वविद्यालय परिसर चौरास में आने वाले छात्रों को सुविधा होगी वहीं इस क्षेत्र के विकास में भी मदद मिलेगी तथा स्थानीय लोगों को भी आवागमन की सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कौडियाला  स्थित गंगा क्षेत्र में पर्यटन विभाग तथा मूल्यागाॅव में आॅल वेदर रोड की कार्यदायी संस्था को स्थान -स्थान पर व्यू प्वाईन्ट बनाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री के साथ चल रहे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि बद्रीनाथ व केदारनाथ तक के पंहुच मार्ग के अन्तर्गत 44 संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया है जहाॅ पर यातायात को सूचारु करने के लिए 40 जेसीबी तैनात रहेंगी जिनके फोन नम्बर आपदा नियंत्रण कक्ष व जिला प्रशासन के पास उपलब्ध रहेंगे। उन्होने कहा कि आॅल वेदर रोड में सड़क कटान का कार्य 31 मार्च 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है तथा 30 जून तक सड़कों पर सुरक्षा दिवार लगाने की समयसीमा सुनिश्चित की गई है। आॅल वेदर रोड योजना से जुडी ऐजेन्सियों को निर्देश दिये गये हैं कि निर्माण कार्यो को समयसीमा के अन्तर्गत पूरा करना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, विधायक पौडी मुकेश कोहली, देवप्रयाग  विनोद कण्डारी, मुख्य सचिव  उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, आयुक्त गढ़वाल एवं पर्यटन सविच दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती बिमला गुंजियाल सहित एन.एच. के अधिकारी भी मौजूद रहे।

devbhoomimedia

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