PAURI GARHWAL

आज भी नहीं हो रहा काम की बोझ तले दबी पहाड़ की महिलाओं का सही मूल्यांकन: राज्यपाल

महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान के स्थापना दिवस का कार्यक्रम

राज्यपाल ने कहा अभिभावक अपने बच्चों को बनाएं संस्कारवान

रैंप-शो व प्रदर्शनी की राज्यपाल ने की तारीफ़ 

समारोह के दौरान संस्था ने महिलाओं की ओर से तैयार किए गए विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई थी। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया व महिलाओं की ओर से तैयार उत्पादों को सराहा।

कार्यक्रम के दौरान संस्था की ओर से तैयार किए गए वस्त्रों को धारण कर महिलाओं ने रैंप-शो किया, जो गढ़वाली व कुमाऊंनी वेशभूषा पर आधारित था। समारोह में मौजूद जनता ने रैंप-शो की काफी सराहना की।

कोटद्वार : महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि आज भी पहाड़ की महिलाएं काम के बोझ के तले दबी हुई हैं। उनका सही मूल्यांकन नहीं हो रहा है। इस कार्य के लिए महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान सही दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने महिलाओं और बेटियों को उनके अधिकारों की जानकारी देने पर जोर देते हुए उन्हें शिक्षित और संस्कारी बनाने की अपील की। उन्होंने कहा बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रति कोई भी कोताही नहीं बरती जानी चाहिए।

गुरुवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य मोटाढाक स्थित मिनी स्टेडियम परिसर में महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इस तरह की संस्थाओं ने महिलाओं के उन सपनों को साकार किया है, जो सपने महिलाएं घर की चारदीवारी के भीतर बुना करती थी। उन्होंने महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए और यह तभी संभव है, जब वे साक्षर होंगी। कहा कि महिलाएं समाज की मूल आधार हैं व महिलाओं के बिना समाज की परिकल्पना भी बेमानी है।

प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों व उनके परिवारों को लाभांवित करने का काम किया जा रहा है। कहा कि संस्था भी महिलाओं को सशक्त बनाने में सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। प्रदेश के श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकार श्रमिकों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, श्रमिक राष्ट्र के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गांव से लेकर कस्बों तथा नगरों में जो भी निर्माणाधीन विकास कार्य श्रमिकों के बल पर ही पूरे होते हैं इसलिए कोई भी निर्माणाधीन विकास कार्य श्रमिकों के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है।

श्रम मंत्री ने कहा कि श्रम विभाग श्रमिकों को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों के जन्म से लेकर शिक्षा और बेटी की शादी के लिए भी धनराशि प्रदान की जाती है। वहीं काम के दौरान श्रमिक की मृत्यु होने पर पांच लाख और श्रमिक की मौत होने पर दो लाख की आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्होंने कहा कि पूर्व में श्रम विभाग में 1.40 लाख श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन थे, वर्तमान में उनकी संख्या तीन लाख से अधिक हो गई है।

कार्यक्रम के दौरान संस्था अध्यक्ष अनुकृति गुसाईं रावत ने संस्था की ओर से किए गए कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। इस दौरान संस्था की स्मारिका ‘पहल’ का भी विमोचन किया। साथ ही विवाह, प्रसव सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों को चेक वितरित किए गए। महिला उत्थान बाल कल्याण संस्था की अध्यक्षा अनुकृति गुसाईं रावत ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।

इससे पूर्व  हल्दूखाता स्थित एवीएन स्कूल प्रागंण में अस्थायी हैलीपैड पर पहुंचने पर राज्यपाल का वन एवं श्रम मंत्री डा. हरक सिंह रावत और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीप्ति रावत ने स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, प्रदेश के वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत, जिला पंचायत पौड़ी की निर्वतमान अध्यक्ष दीप्ति रावत, अभिनव मौर्य व महिला उत्थान बाल कल्याण संस्था की अध्यक्षा अनुकृति गुसाईं रावत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।करते हुए संस्था की महिलाओं ने मांगल गीत और बलूनी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

समारोह में अभिनव मौर्य, तुषित रावत, श्रम बोर्ड की सचिव दमयंती रावत, पूर्व पालिका अध्यक्ष शशि नैनवाल और रश्मि सिंह, अभिलाषा भारद्वाज, पार्षद सौरभ नौडियाल, गायत्री भट्ट, मंजू जखमोला, शशिबाला केष्टवाल, बीरेंद्र रावत, डीएम धीराज गर्ब्याल, एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन रेनू कोटनाला ने किया।

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