UTTARAKHAND

हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट देश में अटल आयुष्मान योजना में नंबर वन

प्रदेश में योजना के तहत अब तक 75 हजार से अधिक मरीजों के इलाज में 72.87 करोड़ का खर्च

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

75 हजार से अधिक मरीजों को मिला योजना का लाभ

एक जानकारी के अनुसार अटल आयुष्मान योजना में एक साल के भीतर 32.87 लाख लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बने हैं। इसमें 75 हजार 278 मरीजों का योजना में मुफ्त इलाज कराया गया।

इन पर सरकार ने 72.87 करोड़ की राशि व्यय की है। इतना ही नहीं प्रदेश से बाहर के बड़े अस्पतालों में 430 मरीजों का इलाज किया गया। इस पर एक करोड़ रुपये खर्च किए गए।

अब सरकार अधिक से अधिक लोगों को योजना से लाभान्वित करने के लिए गोल्डन कार्ड बनाने को विशेष अभियान भी शुरू करने जा रही है।  

 

देहरादून : हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट अटल आयुष्मान योजना में गोल्डन कार्ड धारक मरीजों का इलाज करने में देश में पहले स्थान पर आ चुका है। इस योजना के तहत यदि मरीज का गोल्डन कार्ड है तो अस्पताल में पांच लाख तक मुफ्त इलाज किया जाता है। वहीं हिमालयन हॉस्पिटल ने गोल्डन कार्ड पर एक साल पहले शुरू हुई इस योजना के अंतर्गत अब तक 17 हजार से अधिक मरीजों का मुफ्त इलाज किया है। जबकि प्रदेश में अब तक इस योजना के तहत 75 हजार से अधिक मरीजों के इलाज में 72.87 करोड़ का खर्च आया है। 

गौरतलब हो कि जहां प्रदेश के तमाम अस्पताल आयुष्मान योजना में गोल्डन कार्ड पर मरीजों का इलाज कराने कोताही ही नहीं बल्कि आनाकानी और गड़बड़ी भी करते रहे हैं, प्रदेश सरकार ने आयुष्मान योजना में 180 सरकारी और निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। वहीं, राज्य में 13 निजी अस्पतालों ने मरीजों का इलाज और क्लेम के बिलों में फर्जीवाड़ा किया है। यही कारण है इनमें से कई अस्पतालों के खिलाफ राज्य सरकार कार्रवाही भी कर चुकी है।

 हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट की परफॉरमेंस आयुष्मान योजना में पिछले एक साल में बहुत ही अच्छी रही है। गोल्डन कार्ड पर मरीजों का नि:शुल्क इलाज करने में हॉस्पिटल पूरे देश में पहले स्थान पर है। 
अरुणेंद्र सिंह चौहान, अपर सचिव एवं सीईओ, राज्य आयुष्मान योजना

उल्लेखनीय है कि देश दुनिया के महान संत व योगी स्वामी राम द्वारा स्थापित हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट ने उत्तराखंड में ही नहीं, पूरे देश में सबसे ज्यादा मरीजों को योजना में लाभान्वित कर पहला स्थान हासिल किया है। हिमालयन हास्पिटल में उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तरप्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों के मरीज भी इलाज के लिए आते रहे हैं।

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