- डीपी सिंह के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी करने को कोर्ट में दिया प्रार्थना पत्र
रुद्रपुर (उधमसिंह नगर) : उत्तराखंड के बहुचर्चित NH -74 के करीब 600 करोड़ के मुआवजा घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने निलंबित पीसीएस अधिकारी भगत सिंह फोनिया समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया। इससे पूर्व सभी आरोपियों का मेडिकल कराया गया। न्यायलय ने सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हल्द्वानी उप कारागार भेज दिया गया है। NH -74 घोटाले में एक साथ की गई यह अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है। माना जा रहा है कि जल्द ही अन्य आरोपियों की भी पुलिस गिरफ्तारी कर सकती है। जेल भेजे गए लोगों में दो किसानों के सहित जसपुर तहसील से सेवानिवृत्त प्रभारी तहसीलदार भोले लाल, जसपुर तहसील का ही निलंबित संग्रह अमीन अनिल कुमार, अनुसेवक रामसुमझ, स्टांप वैंडर जीशान शामिल हैं। अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें जुटी हुई हैं।
एनएच 74 फोरलेन प्रोजेक्ट में हुए मुआवजा घोटाले के बाद अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ऊधमसिंह नगर की ओर से सिडकुल चौकी में मामले को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद मामले की जांच को एसआईटी गठित की गई थी। पुलिस के मुताबिक, एसआईटी ने अब तक की विवेचना में इस मामले को लेकर तहसील जसपुर और काशीपुर में राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों कृषकों और मध्यस्थों को उपलब्ध मौखिक, अभिलेखीय, गवाहों के धारा 161 और 164 के तहत दिए बयानों, फॉरेसिंक जांच (एफएसएल रिपोर्ट), बैंक अकाउंट से पैसों के लेनदेन और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार रविवार रात को आठ गिरफ्तार कर लिया।
पिछले करीब नौ माह से छह सौ करोड़ रुपये से अधिक के मुआवजा घोटाले की परतें खोलने में जुटी एसआइटी ने अब आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी है। पीसीएस अफसरों में सबसे पहला निशाना बने हैं निलंबित एसडीएम भगत सिंह फोनिया। उनको पुलिस टीम ने रविवार दोपहर देहरादून से हिरासत में लिया था। रविवार देर रात टीम उन्हें लेकर रुद्रपुर पहुंची। उनके साथ ही काशीपुर के तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार मदन मोहन पडलिया और जसपुर के सेवानिवृत्त प्रभारी तहसीलदार भोले लाल की अलग-अलग स्थानों से धरपकड़ हुई।
इनके साथ ही जसपुर के निलंबित संग्रह अमीन अनिल कुमार, इसी तहसील के अनुसेवक रामसुमझ और काशीपुर के स्टांप वेंडर जिशान को रविवार देर रात ही पकड़ लिया गया। दो किसान गढीहुसैन, जसपुर के ओमप्रकाश और जसपुर निवासी चरन सिंह की गिरफ्तारी भी इन्हीं के साथ हुई थी। सभी से देर रात तक सिडकुल पुलिस चौकी में पूछताछ चली। खुद एसएसपी डॉ. सदानंद दाते और एसपी क्राइम कमलेश उपाध्याय ने उनसे कई सवाल किए। विवेचक सीओ रुद्रपुर स्वतंत्र कुमार भी इस दौरान मौजूद थे। देर रात और सोमवार सुबह तक कागजी कार्यवाही पूरी की गई। इसके बाद इन लोगों को सीजेएम रुद्रपुर की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया है।
वहीँ एनएच मुआवजा घोटाले में निलंबित पीसीएस अधिकारी डीपी सिंह की तलाश में पुलिस टीमें जुटी हुई हैं। डीपी सिंह के खिलाफ पुलिस लुक आउट नोटिस जारी कर चुकी है। वहीं सूत्रों के मताबिक, कोर्ट में पुलिस ने डीपी सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए प्रार्थना पत्र लगा दिया है।