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आपदा के दौरान के ”स्कूटर” की होगी न्यायिक जांच : हरीश

चंडीगढ़ के रिटायर्ड जज एमएस चौहान करेंगे इसकी जांच

देहरादून : मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कल प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में आपदा से संबंधित जो प्रसंग उठाया और ये कहा कि 5 लीटर वाला स्कूटर 35 लीटर पेट्रोल खा गया। पहली बात तो कहना चाहता हूं कि इस विषय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच करवाई जा चुकी है, जिसमें ये सब बातें तथ्यात्मक नहीं पाई गई हैं। लेकिन फिर भी उस ”स्कूटर” की न्यायिक जांच की जाएगी जिसने क्षमता से ज्यादा तेल पिया।

उन्होंने कहा आपदा के समय देशभर के लोगों ने हमें सहायता दी है। क्योंकि प्रधानमंत्री जी ने ये बात कही है, इससे देशभर में हमारी ये छवि जा सकती है कि आपदा में मिले धन का दुरूपयोग किया गया है। मैं एक बात बहुत स्पष्ट कहना चाहता हूं कि दैवीय आपदा जैसी घटनाएं आकस्मिक होती हैं और ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए त्वरित फैसले लेने होते हैं। आपदा के प्रभाव को त्वरित रूप से न्यूनतम करने के लिए कई बार नियम प्रक्रियाओं से ऊपर उठकर निर्णय लेने होते हैं।

उन्होंने कहा आरटीआई के आधार पर सूचना आयुक्त द्वारा जो टिप्पणियां की गईं, उनमें इन सब बातों का सम्भवतः संज्ञान नहीं लिया गया। वर्ष 2013 की दैवीय आपदा राज्य के अत्यधिक दुरूह क्षेत्रों में आई थी। उन स्थितियों में काम करना बहुत चुनौतिपूर्ण था। हमारा उद्देश्य आपदा के घावों को भरना, चारधाम यात्रा व पर्यटन को दुबारा पटरी पर लाना था। मुख्यमंत्री के तौर पर मेरा प्रारम्भिक दायित्व था कि चुनौतिपूर्ण माहौल में काम करने वालों का मनोबल बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा फिर भी प्रधानमंत्री जी की टिप्पणियों से एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है, इसलिए हमने हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त जज एम.एस चौहान से इस मामले की न्यायिक जांच करने का अनुरोध किया है। इसमें देखा जाएगा कि क्या संदर्भित मामले में कोई लापरवाही हुई है। क्या इन मामलों में दैवीय आपदा मद से धन का दुरूपयोग हुआ है।

मुख्यमंत्री ने चारधाम राजमार्ग विकास परियोजना के बारे में बोलते हुए कहा कि हमारी पहली आपत्ति इसका प्रचार आॅल वेदर रोड़ के रूप में किए जाने पर थी। क्योंकि इससे ये संदेश जा रहा था कि उत्तराखण्ड की सड़कें यात्रा के लायक नहीं है। हमारी इसी आपत्ति  को केंद्रीय मंत्रालय द्वारा स्वीकार करके इसे चारधाम राजमार्ग विकास परियोजना का नाम दिया गया है। इस परियोजना का विचार वर्ष 2013 की दैवीय आपदा के बाद देहरादून आए तत्कालीन केंद्रीय मंत्री आस्कर फर्नांडीस के साथ हुई बैठक में उभर कर आया था। इसके बाद हमारे अधिकारियों ने इस पर काफी काम किया और प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया।

उन्होंने कहा हमने राज्य में बहुत से मार्गों को नेशनल हाईवे बनाए जाने के संबंध में भी अनुरोध किया था। हम केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी जी का आभार व्यक्त करते हैं कि हमारे अनुरोध को स्वीकार किया गया है। अब केवल देखना ये है कि इन पर काम भी श्ुारू हो जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम छोटे राज्य हैं और केंद्र का सहयोग चाहते हैं, परंतु अधिकांश मामलों में ऐसा नहीं हो रहा है। इसी संदर्भ में मैंने मंगलवार को प्रधानमंत्री जी को एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें बिंदुवार विवरण था कि किसकिस क्षेत्र में कितना बजट केंद्र से अपेक्षित है। इन योजनाओं में बहुत सी तो पूरी तरह से केंद्र पोषित योजनाएं हैं। अगर हमें एक हजार करोड़ रूपए की सहांयता भी दे दी जाती है तो विमुद्रीकरण से प्रदेश को हुए नुकसान को कम किया जा सकता है।

उन्होंने कहा हमने पहले भी कहा था कि 14 वें वित्त आयोग से हमें नुकसान हुआ है। बाद में केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इसे माना और कुछ सीमा तक रेक्टीपफाई भी किया। आशा है कि आगे और भी रेक्टीफाई किया जाएगाउत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीते रोज देहरादून में रैली के दौरान कही गई बातों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें पीएम को शोभा नहीं देती। अपने आवास बीजापुर  में पत्रकारों से बातचीत में सीएम रावत ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा अपने भाषण में स्कूटर की टंकी में 35 लीटर तेल डलवाने की बात कहकर भ्रष्टाचार की जो बात कही गयी। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच पहले भी की जा चुकी है।

सीबीआई जांच करवाने के सवाल पर सीएम ने कहा सीबीआई की निष्पक्षता पर संदेह है इसलिए ज्यूडिशियल जांच करवा रहा हूं। प्रधानमंत्री को इन मामलों की खुद अंदरूनी जांच करवानी चाहिए थी। कहा, आपदा के दौरान के सभी लोग अब भाजपा में जा चुके हैं।

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