देहरादून : इधर उत्तराखंड के मैदानी इलाकों से लेकर पलायन की मार झेल रहे पहाड़ी इलाकों में प्रदेश की जनता आदमख़ोर गुलदारों के खौफ से परेशान है और ये लोग या तो अपने घरों में दुबककर रहने को मज़बूर हैं या फिर किसी सुरक्षित स्थान पर जाने को। ठीक दूसरी तरफ उत्तराखंड वन विभाग के तमाम अधिकारी अपने ही विभाग के आला अधिकारी से बचने के लिए या तो किसी अन्य विभाग में डेपुटेशन पर जाने को मज़बूर हैं या फिर कुछ लोग दुबककर अपने ही विभाग में हांफने लगे हैं।
बात वन विभाग के एक आला अफसर की हो रही है जिसके खौफ से आजकल उन्ही के विभाग के अधिकारी गुलदार के खौफ की तरह दहशतजदां हैं। हालात यहाँ तक आ पहुंचे हैं कि वर्ष 2021 तक कोई भी इनके खौफ से यहाँ रहने को तैयार नहीं है। चर्चित आला अधिकारी भी आजकल उस आदमखोर गुलदार की तरह बेकाबू हो चुका है कि वह न अपने मालिक ही सुनता है और न किसी की । उसकी हिम्मत को दाद देनी होगी अब तो वह उसको शिकार मुहैय्या करवाने वाले तक को आँखे दिखने लगा है और जंगल के बजीर की जगह राजा को तरजीह देने लगा है।
आदमखोर गुलदार के खौफ से वन विभाग के कई वन अधिकारी या तो राज्य छोड़कर कहीं और चले गए हैं या कुछ लोग अभी दुबककर विभाग में शांत बैठ गए हैं। विभाग को छोड़कर जाने वालों की फेहरिस्त तो वैसे काफी लम्बी है और आगे और होने वाली है। सभी का कहना है जब तक यह आदमखोर हो चुका यह गुलदार जंगल से बाहर नहीं हो जाता तब तक वे इस जंगल में नहीं रहने वाले।