सरकार के खर्च पर एम्स ऋषिकेश में चल रहा इलाज़
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की संवेदनशीलता का आखिर क्यों न हो ज़िक्र
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : चमोली जिले के सीमान्त जोशीमठ ब्लॉक के उर्गम गांव के निवासी धूमलाल जी पेशे से ढोल वादक हैं। ढोल की ऐसी कोई थाप नहीं जिसमें उन्हें महारत न हासिल हो। पिछले कई दशकों से वह लगातार पहाड़ की इस सांस्कृतिक वाद्य परंपरा का संरक्षण और संवर्धन करते चले आ रहे हैं। कुछ दिनों पहले धूमलाल जी को बीमारी ने जकड़ लिया। धन के अभाव में किसी हायर सेंटर में उपचार कराने में वह असमर्थ थे। बीमारी से उनकी जान पर बन आई थी।
इसी दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से जब यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी के संज्ञान में आई तो उन्होंने जिलाधिकारी चमोली से उसी वक्त फ़ोन पर बात की तथा जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि तत्काल धूमलाल जी के उपचार की समुचित व्यवस्था करें। फिर उन्हें एम्स ऋषिकेश लाया गया, जहां सरकार के खर्च पर उनका उपचार किया जा रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम लगातार धूमलाल जी के स्वास्थ्य पर निगाह रखे हुए है। अब उनके स्वास्थ में सुधार होने लगा है।
गौरतलब हो कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री जी पहाड़ के दुर्गम इलाकों में हेलीकॉप्टर भेजकर मरीजों को हायर सेंटर के लिये लिफ्ट करवा चुके हैं। उनकी संवेदनशीलता से लग रहा है कि सरकार को दूरस्थ खड़े समाज के हर व्यक्ति की फिक्र है। प्रदेश का हर नागरिक स्वस्थ रहे, खुशहाल रहे उसके लिए त्रिवेंद्र सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
उल्लेखनीय है कि अलग राज्य उत्तराखंड की परिकल्पना इसलिए की गई थी कि विषम भौगोलिक परिस्थिति का यह प्रदेश विकास की मुख्य धारा से जुड़ सके और समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल सके। इस परिकल्पना को पूरा करने की हर संभव कोशिश त्रिवेन्द्र सरकार कर रही है। इन्हीं कोशिशों और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी की संवेदनशीलता का नतीजा है कि देश के सीमांत विकासखंड का रहने वाले ढोल वादक धुमलाल जी अब अपने इलाज के लिए किसी की मदद के मोहताज नहीं हैं। सरकार के खर्च पर उनका उपचार एम्स ऋषिकेश में चल रहा है।
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