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दाल गलती न देख विपक्ष ने सत्र से क‌िया वॉकआउट

देहरादून : विधानसभा में मंगलवार खटीमा के एक राइज मिलर को रंगदारी की धमकी दिए जाने का मुद्दा गरमाया। विपक्ष ने मामला उठाते हुए सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के दावे पर सवाल उठाए।

मसले पर सरकार ने जो जवाब दिया, उससे असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया। सांकेतिक वाकआउट करने से पहले विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार मामले में लीपापोती करने का प्रयास कर रही है। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने वैल में आकर नारेबाजी भी की।

मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने रंगदारी का मुद्दा उठाते हुए स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल से नियम 310 में चर्चा कराने का अनुरोध किया। स्पीकर ने उनके नोटिस को नियम 58 में सुनने का आश्वासन दिया।

शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष रंगदारी वसूली प्रकरण पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाई। उन्होंने कहा कि एक भाजपा के प्रमुख कार्यकर्ता ने एक राइज मिलर से दो लाख रुपये की रंगदारी मांगी। घटना के साक्ष्य के रूप में उन्होंने एक पैन ड्राइव स्पीकर को उपलब्ध कराई।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पैन ड्राइव में रंगदारी के दौरान हुई बातचीत का ऑडियो है। करन माहरा ने कहा कि ऑडियो में एक कैबिनेट मंत्री का भी नाम लिया गया है। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने आपत्ति की।

उन्होंने कहा कि उनके पास ऑडियो के सारे संवाद हैं, उसमें कहीं भी मंत्री का नाम नहीं लिया गया है। इस बीच ट्रैजरी बैंच से संजय गुप्ता ने कांग्रेस राज में लेनदेन की सीडी का जिक्र छेड़ दिया।

इससे विपक्ष में बैठे सदस्य हरीश धामी, काजी निजामुद्दीन, राजकुमार, करन माहरा, प्रीतम सिंह उखड़ गए और वे नारेबाजी करते हुए वैल में आ गए। इस बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में तीखी बहस हुई।

स्पीकर के समझाने पर विपक्षी सदस्य अपने स्थान पर विराजे। लेकिन संसदीय कार्यमंत्री द्वारा नोटिस की स्वीकारिता पर ही सवाल उठाए जाने से नेता प्रतिपक्ष फिर भड़क र्गइं।

संसदीय कार्यमंत्री ने एक समझौतानामा भी पढ़ा और कहा कि राइज मिलर ने मुकदमा वापस ले लिया है। नेता प्रतिपक्ष का कहना था कि डंडे बजाकर समझौते कराए जा रहे हैं। सरकार के जवाब से असंतोष प्रकट करते हुए उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया।

devbhoomimedia

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