टाडा में हुई नियुक्तियों में मिली गड़बड़ी
नई टिहरी। टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण (टाडा) हवा में चल रहा है। टिहरी विधायक धन सिंह नेगी ने टाडा का शनिवार को औचक निरीक्षण दस्तावेजों की जांच की। तो पता चला कि टाडा में आउटसोर्सिंग के 10 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वहां पर 13 लोगों को रखा गया है। साथ ही टाडा का नोटिफिकेशन भी जारी नहीं किया गया है और ना ही वहां का ढांचा स्वीकृत है।
शनिवार को टिहरी विधायक धन सिंह नेगी ने कोटी कॉलोनी में टाडा कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि टाडा में 30 स्थाई और 10 आउटसोर्सिंग के पद हैं, लेकिन 13 लोगों को आउटसोर्स पर रखा है। विधायक ने अपर मुख्य अधिकारी चतर सिंह चौहान को इस मामले में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
वहीं टाडा का प्रशासनिक ढांचा भी आज तक स्वीकृत नहीं किया गया है। जिस कारण टाडा का संचालन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। यहां तक ही टाडा के नाम अभी तक जमीन भी नहीं की जा सकी है। इससे पता चलता है कि कांग्रेस सरकार ने झील विकास के लिए कोई कार्य नहीं किए। विधायक ने कहा कि टाडा मनमर्जी से संचालित किया जा रहा है। जिससे यहां पर कई अनयिमितताएं हैं।
वहीं झील में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। पर्यटन विभाग टाडा की योजनाओं को पीपीपी मोड में संचालित करने के लिए कह रहा है,जबकि अब विभाग की योजनाओं का संचालन करेगा। नेगी ने कहा कि उनकी इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से वार्ता हो चुकी है। राजीव गांधी साहसिक खेल अकादमी और फ्लोटिंग मरीना का संचालन विभाग ही करेगा। इस अवसर पर टाडा के अपर मुख्य अधिकारी चतर सिंह चौहान, देवेंद्र दुमोगा आदि मौजूद रहे।