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पौड़ी के जिला महिला चिकित्सालय का अस्तित्व हुआ ख़त्म

इलाके की महिलाओं के लंबे आंदोलन के बाद मिला था महिला चिकित्सालय को नया भवन 

तो अब पुरूष चिकित्सालय में ही होगा महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण !

अनिल बहुगुणा 
पौड़ी (गढ़वाल) : नवोदित उत्तराखण्ड प्रदेश में पौड़ी जिले और शहर का दुर्भाग्य ही रहा है कि किसी भी आंदोलन के बूते जीती गई चीज़ पौड़ी के ही काम नहीं आई। अब महिलाओं के जिला चिकित्सालय को ही ले लीजिये, इस अस्पताल के भवन को अस्तित्व में लाने के लिये पौड़ी और नौ गांव की महिलाओं ने अविभाजित उत्तराखंड के दौरान एक बड़े जन आंदोलन के जरिये अपने लिये अलग से महिला जिला अस्पताल का निर्माण करवाया था।
इस अस्पताल के अस्तित्व में आने के बाद महिलाएं अपने रोजमर्रा की शाररिक दिक्कतों को खुले मन से महिला चिकित्सकों बता पाती थी इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान होने वाली शाररिक बदलावों की झेंप से भी उनको निज़ात मिल जाती थी।
राज्य के अस्तित्व में आने के कुछ ही वर्षो बाद अब पीपीपी मोड़ में चले जाने के बाद पौड़ी के जिला अस्पताल के संचालन कर्ताओं ने इस जिला महिला अस्पताल को पुरूष अस्पताल में मिला दिया है। अब इसी चिकित्सालय में महिलाओं का इलाज़ भी किया जायेगा। चर्चा है कि इस अस्पताल को पीपीपी मोड़ पर चलाने वाले ब्यापारियों ने अपने खर्चो को कम करने के लिये इस तरह की चाले चली है।
हालांकि इस संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी और पौड़ी विधायक मुकेश कोली ने महिला अस्पताल के अस्तित्व को ख़त्म करने पर गंभीर आपत्ति जताई है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष ने इस संबंध में कमिश्नर गढ़वाल और जिलाधिकारी पौड़ी को पत्र लिखा है।

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