देहरादून : कांग्रेस में सिटिंग गेटिंग फार्मूले के भरोसे बैठे दिग्गज विधायकों को झटका लग सकता है। पार्टी के सर्वे में ऐसे भी विधायक चिह्नित किए गए हैं, जिनकी जीत अगले विधानसभा चुनाव में पक्की नहीं है। संगठन की मानें तो ये फीडबैक सरकार के पास भी है। ऐसे में पार्टी इन क्षेत्रों में नए प्रत्याशियों पर दांव आजमा सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस संगठन ने 70 सीटों पर संभावित प्रत्याशियों की सूची तकरीबन फाइनल कर ली है। इसे स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष रखा जा सकता है। कोशिश ये की जा रही है कि स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक उत्तराखंड में ही कराई जाए।
प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस के पास एक वक्त 36 विधायकों का बहुमत था, लेकिन 10 विधायकों के बागी होने के बाद ये संख्या घटकर 26 तक सिमट गई है। माना जा रहा है कि सभी 26 विधायक सिटिंग-गेटिंग के फार्मूले के तहत अगले चुनाव में अपने-अपने क्षेत्रों में टिकट पा जाएंगे। लेकिन, संगठन इससे इत्तेफाक नहीं रखता।
बकौल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पार्टी 26 विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों समेत 70 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति का आकलन किया गया है। ये आकलन पार्टी के सर्वे के आधार पर है। सिर्फ संगठन ही नहीं, सरकार के स्तर पर सर्वे कराया गया है।
हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष किशोर ने सर्वे का खुलासा नहीं किया है। अलबत्ता, ये जरूर कहा कि जिन क्षेत्रों में मौजूदा विधायकों की जीत पक्की नहीं है, उनके बारे में पार्टी कई नजरिए को ध्यान में रखकर विचार कर रही है। इसमें कई दिग्गज विधायक भी शामिल बताए जा रहे हैं।
गौरतलब हैं कि 2017 के चुनाव प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी की प्रतिष्ठा से जुड़े हैं। पार्टी सत्ता में दोबारा वापसी को ताकत झोंके हुए है। इस लिहाज से पार्टी जीत की कुव्वत रखने वाले प्रत्याशियों पर ही दांव खेलने की तैयारी में है। सरकार और संगठन की ओर से कराए गए सर्वे के पीछे यही मंशा बताई जा रही है। पार्टी के इस सर्वे से अपने क्षेत्रों में कमजोर विधायकों के लिए खतरे की घंटी बज गई है। आश्चर्य नहीं कि पार्टी के भीतर इसे लेकर रस्साकसी तेज हो जाए।
उधर, पार्टी ने 70 सीटों पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर खाका तैयार कर लिया है। किशोर उपाध्याय के मुताबिक दावेदारों की ओर से मिले आवेदन पत्रों की छंटनी हो चुकी है। जल्द ही स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भी होने जा रही है। जिसमें प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी पहले ही कह चुकी हैं कि प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को सौंपी गई है। इस सूची पर मुहर पार्टी हाईकमान की लगेगी।