LAW & ORDERs

सबूत कम और अधूरे होने पर टूलकिट मामले में दिशा रवि को मिली जमानत

एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत भरने पर मिली राहत

नागरिकों को केवल इसलिए जेल नहीं भेजा जा सकता क्योंकि वे सरकार की नीतियों से हैं असहमत : कोर्ट 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने सोशल मीडिया पर किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित “टूलकिट” कथित रूप से साझा करने के मामले में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को मंगलवार को यह कहकर जमानत दे दी कि पुलिस द्वारा पेश किए गए साक्ष्य कम और अधूरे हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने रवि को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत भरने पर यह राहत दी।

अदालत ने कहा कि अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। न्यायाधीश ने कहा, “कम और अधूरे साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए, मुझे 22 वर्षीय लड़की के लिए जमानत न देने का कोई ठोस कारण नहीं मिला, जिसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।” रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ की एक टीम बेंगलुरु से गिरफ्तार कर दिल्ली लाई। उसकी पुलिस हिरासत की अवधि आज समाप्त हो रही है। 

टूलकिट मामले में अदालत ने कहा कि नागरिक सरकार की अंतरात्मा जगाने वाले होते हैं। उन्हें केवल इसलिए जेल नहीं भेजा जा सकता क्योंकि वे सरकार की नीतियों से असहमत हैं। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि एक व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण या एक हानिरहित टूलकिट का संपादक होना कोई अपराध नहीं है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रत्यक्ष तौर पर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आता जो इस बारे में संकेत दे कि दिशा रवि ने किसी अलगाववादी विचार का समर्थन किया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जांच एजेंसी को पूर्वानुमानों के आधार पर नागरिक की स्वतंत्रता को और प्रतिबंधित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। 

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