POLITICS

चर्चित भाजपा विधायक चेंपियन तीन माह के लिए पार्टी से किये गए निलम्बित

  • पत्रकारों से जबरन पंगा लेना ”चैम्पियन” को पड़ा भारी !

  • विधानमंडल दल की बैठक में तीन माह तक नहीं ले पाएंगे भाग

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : विधानसभा सत्र आहूत होने से ठीक पहले भाजपा के कथित ” चर्चित दबंग” विधायक विधायक कुँवर प्रणव सिंह ”चैम्पियन” पर गाज गिरी है। पार्टी ने उन्हें  तीन महीने के लिए प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। ”चैम्पियन” द्वारा बीते दिनों दिल्ली में एक पत्रकार के साथ किए गए दुर्व्यवहार और भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल सहित भाजपा विधायक द्वारा सरकारी संपत्ति उत्तराखंड सदन में कथित रूप से ”चैंपियन आर्मी ” के स्टीकर  लगाने पर यह गाज़ गिरी है। इस निलंबन के बाद अब वे विधानसभा सत्र के दौरान विधानमंडल दल की बैठक में भाग नहीं ले पाएंगे। 

मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं। पार्टी का निर्णय सिर माथे पर है। मुझे कोई दिक्कत नहीं है। अवसर मिलेगा तो मैं भी अपना पक्ष रखूंगा।
कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, भाजपा विधायक

पार्टी के सूत्रों के अनुसार ”चर्चित विधायक ”चैम्पियन” पर चल रही कुछ और अनुशासनहीनता के प्रकरणों की प्राथमिक जाँच के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने चेंपियन को तीन माह के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित कर दिया है। वहीँ पहले से ही अनुशासनहीनता की जांच में फंसे चैंपियन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे एक मीडियाकर्मी को धमका रहे थे। इस वीडियो के वायरल होने के बाद भाजपा के अनुशासन को लेकर भी कई तरह के प्रश्न खड़े हुए थे।

यह जानकारी प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक के बाद पत्रकारों को देते हुए बताया कि चेंपियन अब तीन माह तक पार्टी की किसी बैठक व विधान मंडल दल की बैठक में भाग नहीं ले सकेंगे। वहीं पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी कर दिया गया है। जबकि वहीँ  भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल मामले में सहित अभी भी ”चैम्पियन”  के ख़िलाफ़ कुछ अन्य मामलों में पार्टी स्तर पर जाँच चल रही है।

ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में भाजपा की प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में चैंपियन के प्रकरण पर भी चर्चा हुई। शीर्ष नेतृत्व ने अब तक आए तथ्यों के आलोक में चैंपियन के आचरण को अनुशासनहीनता के दायरे में मानते हुए उनकी प्राथमिक सदस्यता को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है। आचरण में सुधार न आने पर पार्टी और सख्त फैसला ले सकती है। 

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