देवभूमि: भारत जोड़ो यात्रा में गूंजा जोशीमठ! राहुल गांधी करेंगे दौरा
Devbhoomi: Joshimath resounds in Bharat Jodo Yatra! Rahul Gandhi will visit
RAHUL GANDHI JOSHIMATH देश की सबसे बड़ी चिंता यही है कि कैसे और कब तक देवभूमि की धार्मिक स्थली जोशीमठ की हालत सुधरेगी ? भू-धंसाव के संकट का सामना कर रहे पहाड़ के वासियों कि चिंताएँ मिटेंगी .. बीते कुछ महीने से भारत जोड़ने निकले राहुल गाँध का कारवां भी जोशीमठ की दरकती धरती पर आने वाला है। बताया जा रहा है कि राहुल गाँधी जोशीमठ की स्थिति और लोगोंकी पीड़ा को करीब से महसूस करना और उसका निदान ढूंढना चाहते हैं। आपको बता दें कि प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के अनुरोध पर राहुल फरवरी महीने में जोशीमठ आने वाले हैं।
उत्तराखंड में कांग्रेस व भाजपा के बीच जोशीमठ आपदा को लेकर जुबानी जंग हुई तेज
RAHUL GANDHI JOSHIMATH जोशीमठ को बचाना है- राहुल गांधी
- RAHUL GANDHI JOSHIMATH कांग्रेस में नै ऊर्जा भरने के बाद अब राहुल का ये कदम पहाड़ में पार्टी को कितना संजीवनी दे पायेगा ये देखना होगा लेकिन उनके जोशीमठ आने की खबर से सियासत भी गरमा उठी है। भाजपा ने इसे कांग्रेस का दोहरा चरित्र करार दिया है। साथ ही इसे कांग्रेस की नकारात्मक रणनीति का हिस्सा बताया है। खास बात यह है कि जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र में अभी तक रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट को छोड़कर भाजपा के किसी बड़े केंद्रीय नेता ने दौरा नहीं किया है।
- भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला ने कांग्रेस की हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा पर ली चुटकी
RAHUL GANDHI JOSHIMATH भारत जोड़ो यात्रा का 130वां दिन जोशीमठ को समर्पित
- RAHUL GANDHI JOSHIMATH प्रदेश कांग्रेस के नेता मंगलवार को जम्मू पहुंचे, जहां उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा में भाग लिया। यह यात्रा का 130वां दिन था। पार्टी ने इस दिन को जोशीमठ की आपदा को समर्पित कर दिया। बकौल प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, यात्रा के दौरान देश का ध्यान जोशीमठ में भू-धंसाव से हो रहे नुकसान के प्रति देश का ध्यान आकर्षित किया गया। राहुल गांधी ने फरवरी में उत्तराखंड का दौरा करने और जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र में जाकर प्रभावितों से चर्चा करने का फैसला किया है।
- RAHUL GANDHI JOSHIMATH आज की भारत जोड़ो यात्रा जोशीमठ को समर्पित है। हम सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जोशीमठ को बचाना है। हिमालयी राज्य होने के नाते हमें पर्यावरण की रक्षा भी करनी है। साथ ही हमें लोगों के हितों का भी ध्यान देना है। सरकार को चाहिए की वह जल्द पुनर्वास व क्षतिपूर्ति करे ताकि प्रभावितों की जिंदगी आगे बढ़ सके। कोई सार्थक नीति तैयार करे। हिमालयी राज्य होने के कारण उत्तराखंड देश में विकास की दौड़ में पीछे नहीं छूटना चाहिए।