स्वास्थ्य महानिदेशक कार्यालय से उपलब्ध करायी सूचना से हुआ खुलासा 69 विदेशी चिकित्सा शिक्षा धारक, 400 संविदा चिकित्सक हैैं कार्यरत
42 चिकित्सा अधिकारियों ने अनिवार्य स्क्रीनिंग टेस्ट एफ.एम.जी.आई. (फारेन मेडिकल ग्रेजुएट एक्जाम) नहीं किया है पास
573 चिकित्सा अधिकारियों की लम्बे समय से अनुपस्थित रहने व अन्य कारणों से सेवायें समाप्त
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड में सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी प्रदेश में चिकित्सा अधिकारियों के 1072 पद अभी भी नहीं भरे जा सके हैं जो कुल स्वीकृत 2735 पदोें के सापेक्ष 39 प्रतिशत कम हैं। यह खुलासा महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड कार्यालय द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता ने उत्तराखंड के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय के लोेक सूचना अधिकारी से उत्तराखंड में चिकित्सा अधिकारियों के पदों तथा उस पर कार्य कर रहे विदेशी डिग्री धारक चिकित्सकों की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में स्वास्थ्य महानिदेशालय के लोेक सूचना अधिकारी/संयुक्त निदेशक (प्रशा) राजीव सिंह पाल ने अपने पत्रांक 2240 दिनांक 11 अगस्त 2020 से सूचना उपलब्ध करायी है।
उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड में चिकित्सा अधिकारियों के कुल 2735 स्वीकृत पद हैै जिसमें से 1072 पद रिक्त है तथा 1663 कार्यरत पदों की संख्या हैै। सूचना के अनुसार 116 चिकित्सा अधिकारी ऐसे भी हैै जो लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे है तथा चार चिकित्सा अधिकारी नगर निगमों में नगर स्वास्थ्य अधिकारी व अन्य पदों पर भी प्रदेश में कार्यरत हैं।
उपलब्ध सूचना के अनुसार 01 जनवरी 2018 से अगस्त 2020 तक लगभग ढाई वर्ष के समय में 573 चिकित्सा अधिकारियों की लम्बे समय से अनुपस्थित रहने व अन्य कारणों से सेवायें भी समाप्त की गयी हैै। इसके अतिरिक्त 01 जनवरी 2011 से अगस्त 2020 तक लगभग 10 वर्षों में 137 चिकित्सा अधिकारियों ने सेवा से त्यागपत्र दिया हैै व वी.आर.एस. भी लिया है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार एक अत्यंत चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी है। इसके अनुसार उत्तराखंड में कार्यरत 68 चिकित्सा अधिकारी ऐेसे हैं जिन्होेंने विदेशी विश्वविद्यालयों से एमबीबीएस किया है लेकिन उनमें से 42 चिकित्सा अधिकारियोें ने विदेशी मेडिकल शिक्षा की गुणवता व ऐसे डिग्री धारकों की योग्यता जांचने केे लिये अनिवार्य स्क्रीनिंग टेस्ट एफ.एम.जी.आई. (फारेन मेडिकल ग्रेजुएट एक्जाम) पास नहीं किया है। केवल 27 चिकित्साधिकारियों ने ही स्क्रीनिंग टेेस्ट पास किया है।
एफ.एम.जी.ई. परीक्षा पास किये बिना उत्तराखंड की सरकारी सेवा में शामिल चिकित्सा अधिकारी उत्तराखंड के 12 जिलों के अस्पतालोें व स्वास्थ्य केन्द्रों व कार्यालयों में सेवायें कर रहे है।
श्री नदीम को उपलब्ध स्क्रीनिंग टेस्ट (एफ.एम.जी.ई.) परीक्षा पास किये बगैैर विदेशो से एम.बी.बी.एस. चिकित्सा अधिकारियों में 5 अल्मोड़ा जिले, 2 बागेश्वर, 1 चमोली, 2 चम्पावत, 8 देहरादून, 3 हरिद्वार, 3 नैनीताल, 3 पिथौैरागढ़, 8 पौैड़ी, 2 टिहरी, 2 उधमसिंह नगर, 2 उत्तरकाशी जिलो में कार्यरत हैं। एक चिकित्सा अधिकारी का तैनाती स्थान सूचना में अंकित नहीं किया गया है।
अल्मोेड़ा जिलेे में कार्यरत 5 चिकित्सा अधिकारियों में 1 अस्पताल, 2 प्राथमिक स्वास्था केन्द्रोें तथा 2 समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र्रों में तैैनात हैं। बागेश्वर में 1 सी.एम.ओ. कार्यालय तथा 1 प्रा0स्वा0 केन्द्र में तैनात है। चमोली में 1 अस्पताल में, चम्पावत में 2 प्रा0स्वा0 केन्द्रोें में, देहरादून जिले में 3 स्वास्थ्य महानिदेशालय, 1 सी.एम.ओ. कार्यालय, 3 प्रथामिक स्वा0 केन्द्रोें, 2 अस्पतालों में तैनात हैैं। हरिद्वार में 2 अस्पतालों तथा 1 प्रा0स्वा केन्द में तैनात हैै। नैनीतात जिले में 3 अस्पतालों में तैनात हैै। पिथौरागढ़ में 2 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रोें तथा 1 प्रा.स्वा . केन्द्र में, पौड़ी जिले में 5 जिले केे अस्पताल 3 प्रा स्वा केन्द्रों में तैनात है। टिहरी जिले में 2 समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र्रोें, उधमसिंह नगर जिले के 1 अस्पताल में तथा 1 प्रास्वा केद्र में तथा उत्तरकाशी जिले के 2 ऐसेे चिकित्सा अधिकारी अस्पतालों में तैनात हैै।