UTTARAKHAND

जीएसटी के सरलीकरण की मांग

  • GSTR -9 के सभी कॉलम को ठीक प्रकार से टेस्ट नहीं 

  • GSTR -9 से पूर्व GSTR-01 एवं GSTR -3बी में त्रुटि हो ठीक 

  • सरकार ने व्यापारियों से जीएसटी के सुगमता का आश्वासन

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

चंडीगढ़। राष्ट्रीय जनउद्योग व्यापार संगठन ने केन्द्रीय वित्त मंत्रालय से जीएसटीआर-9 के अनुपालन में आ रही कठिनाइयों को दूर कर उसके सरलीकरण की मांग की है।

संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने बताया कि जीएसटी की वार्षिक रिपोर्ट जीएसटीआर-9 वर्ष 2017-18 के लिए दाखिल की जानी है। यह वर्ष जीएसटी हेतु प्रथम वर्ष था जिसमे व्यापारियों के द्वारा जाने अनजाने बहुत सी गलती एवं त्रुटि भी हुई है। ज्यादात्तर समय जीएसटी सर्वर डाउन रहने से ट्रांसक्शन भी बीच में ही अटक जाते थे।

बुवानीवाला ने कहा कि जीएसटीआर-9 से पूर्व जीएसटीआर-01 एवं जीएसटीआर-3बी में त्रुटि को ठीक करने का प्रावधान होना चाहिए, यदि कोई सूचना इन मासिक विवरणी में त्रुटि पूर्ण है तो वार्षिक विवरणी जीएसटीआर-9 भी त्रुटिपूर्ण रहेगी। उन्होंने कहा कि जीएसटीआर-9 के सभी कॉलम को ठीक प्रकार से टेस्ट नहीं किया गया है, अत: व्यापारियों को बहुत सी व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि जीएसटी से एसजीएसटी दरें ज्यादा रखी जाए। राज्यों को भारी-भरकम घाटा न पड़े। जीएसटी के प्राथमिक पड़ाव में व्यापारिक सर्किल में दुविधा के कारण नियमों के उल्लंघन से उबरने को उन्होंने आम माफी दी जाएं। बुवानीवाला ने कहा कि जीएसटी दरें एक समान होनी चाहिए। किसी भी चैप्टर के लिए दो से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने पेट्रोलियम, बिजली, रियल एस्टेट को शामिल कर जीएसटी का दायरा बढ़ाने का सुझाव भी दिया। बुवानीवाला ने कहा कि जीएसटी के बाद जीडीपी में 1.5 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की उम्मीद थी, जिसे पूरा नहीं किया गया। बुवानीवाला ने कहा कि विगत लोकसभा चुनावों में सरकार ने व्यापारियों से जीएसटी के सुगमता का आश्वासन दिया गया था।

उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने सरकार पर विश्वास जताते हुए फिर से सत्ता में लाने के लिए भरपूर साथ भी दिया है इसलिए जीएसटी के सभी अनुपालन का व्यापारी प्रतिनिधियों के परामर्श से पुन: समीक्षा कर एक सरल प्रक्रिया लाई जाएं। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को साथ लेकर स्थायी आधार पर काउंसिल सचिवालय स्थापित किया जाए ताकि जीएसटी पर अध्ययन किया जा सकें।

Related Articles

Back to top button
Translate »