देहरादून: अचानक अपने माता-पिता को अम्मी-अब्बू कहकर बुलाने लगा 7 वर्ष का बच्चा, डीएम तक पहुंची शिकायत
Dehradun: Suddenly 7 year old child started calling his parents as Ammi-Abbu, complaint reached DM
देहरादून: देहरादून के पॉश इलाके से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। देश में कल से एनसीईआरटी की इतिहास की पुस्तक में मुगलों का इतिहास कथित तौर पर हटाए जाने की छिड़ी बहस के बीच राजधानी देहरादून से एक ध्यान आकर्षित करने वाला समाचार है। जहां करीब सात साल का बच्चा अचानक अपने माता-पिता को अम्मी अब्बू कहकर संबोधित करने लगता है। पहले तो उसके माता – पिता को लगा शायद उनके बेटे ने किसी मुस्लिम मित्र के मुंह से अपने पापा को बुलाते हुए सुना होगा लेकिन, ऐसा जब कई बार हुआ तो वह परेशान हो गए। जब बेटे से प्यार से बात की तो सारी हकीकत सामने आए। सच्चाई जानकर माता-पिता न सिर्फ हैरान हुए बल्कि काफी परेशान भी हो गए।
यहां एक पिता ने डीएम से शिकायत की है कि अब तक ‘मम्मी-पापा’ कहने वाला उनका सात वर्ष का बेटा अपनी दूसरी कक्षा की अंग्रेजी की किताब पढ़कर उन्हें ‘अम्मी-अब्बू’ कहने लगा है। माता-पिता उसमें आए इस असामान्य बदलाव से चक्कर में पड़ गए हैं। पिता की शिकायत पर जिलाधिकारी सोनिका ने प्रकरण की जांच मुख्य शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है।
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देहरादून निवासी मनीष मित्तल ने डीएम सोनिका से शिकायत करते हुए कहा है कि उनका सात वर्ष का बच्चा दूसरी कक्षा मे पढ़ता है। वह मम्मी-पापा बोलते हुए बड़ा हो रहा था, लेकिन इधर उन्हें अम्मी और अब्बू बोलने लगा है। इस पर उन्होंने स्वयं पड़ताल की तो पता चला कि उसमें यह बदलावा अपनी कक्षा 2 की अंग्रेजी विषय की पुस्तक पढ़कर आया है। जिसमें मम्मी-पापा की जगह ‘मदर-फादर’ लिखा होता तो भी शायद उन्हें हैरानी न होती, लेकिन उन्होंने स्वयं पढ़ा कि उसकी आइसीएसई बोर्ड की अंग्रेजी की पुस्तक के एक पाठ में मदर-फादर की जगह अम्मी-अब्बू लिखा गया है, जो कि घोर आपत्ति का विषय है।
उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का प्रकाशन ओरिएंट ब्लैक स्वान हैदराबाद ने किया है। आरोप लगाया कि अंग्रेजी की पुस्तक में इस तरह के शब्दों का प्रयोग कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रयास किया गया है, क्योंकि उर्दू की पुस्तक में इस तरह के शब्द उपयुक्त हो सकते हैं, लेकिन अंग्रेजी की पुस्तक में ऐसे शब्दों का प्रयोग पूरी तरह अनुचित है।
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मनीष जिलाधिकारी से ऐसी पुस्तक पर रोक लगाने के साथ जांच की मांग भी उठाई। उनकी शिकायत पर जिलाधिकारी ने इस प्रकरण की जांच मुख्य शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की है।